
राज्यसभा में मंगलवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का गुस्सा देखने को मिला, जब विपक्ष के एक सदस्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हालिया बातचीत का दावा किया। जयशंकर ने इस पर कड़ा जवाब देते हुए कहा, "कान खोलकर सुन लीजिए, मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।"
उन्होंने इस बयान के जरिए न केवल झूठी खबरों पर लगाम लगाई, बल्कि विपक्ष को भी साफ संदेश दे दिया कि अंतरराष्ट्रीय रिश्तों से जुड़े मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी नहीं की जानी चाहिए।
जयशंकर ने संसद में कहा कि विदेश नीति और कूटनीति जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर अफवाह फैलाना राष्ट्रीय हित के खिलाफ है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिना पुष्टि के ऐसे दावे किए जा रहे हैं।
इस मुद्दे पर बोलते हुए जयशंकर ने संसद को यह भी आश्वस्त किया कि भारत की विदेश नीति पूरी तरह पारदर्शी, राष्ट्रहित में और ठोस जानकारी पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी आधिकारिक वार्ता होती है, तो सरकार उसकी जानकारी संसद और जनता को देती है।
विपक्षी सदस्य की टिप्पणी को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए उन्होंने कहा कि संसद में बोले जाने वाले शब्दों की गरिमा होनी चाहिए।
इस घटनाक्रम के बाद सदन में कुछ देर के लिए गर्मा-गर्मी का माहौल बन गया, लेकिन बाद में कार्यवाही सामान्य रूप से चली।
--Advertisement--