
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय संसद के निचले सदन, लोकसभा में विपक्षी दलों का हंगामा लगातार जारी है, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस गतिरोध ने कई महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को प्रभावित किया है, जिनमें गोवा के अनुसूचित जनजाति (ST) के प्रतिनिधित्व से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल है।
हंगामे का कारण और गोवा ST बिल: विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, जिनमें महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा और अन्य राजनीतिक मुद्दे शामिल हैं। इन मुद्दों पर बहस की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य लगातार नारे लगा रहे हैं और सदन के वेल में आ रहे हैं, जिससे सदन की सामान्य कार्यवाही नहीं चल पा रही है।
इस हंगामे के कारण 'गोवा अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व विधेयक' (Goa Scheduled Tribe Representation Bill) पर चर्चा नहीं हो सकी। यह विधेयक गोवा में अनुसूचित जनजातियों को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए लाया गया है, जिसका उद्देश्य इन समुदायों के अधिकारों और कल्याण को सुनिश्चित करना है। यह विधेयक उनके राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
लोकसभा में गतिरोध: सदन में विपक्षी सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और अपनी मांगों को पूरा करने पर जोर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से शांति बनाए रखने और सदन को सुचारु रूप से चलाने की अपील की, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने अपनी मांगों पर अड़े रहे। नतीजतन, कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा और अंततः शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया।
यह गतिरोध संसदीय लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इससे महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा नहीं हो पाती और जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस बाधित होती है। गोवा एसटी विधेयक जैसे महत्वपूर्ण कानून, जो एक विशेष समुदाय के अधिकारों से संबंधित हैं, भी इस राजनीतिक खींचतान के शिकार हो रहे हैं।
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