Up Kiran, Digital Desk: इंडिया गेट पर रविवार शाम को लोग साफ हवा के लिए जमा हुए थे। बच्चे, बुजुर्ग और युवा सबने पोस्टर उठाए थे। अचानक कुछ लोग चिल्लाने लगे "हिडमा अमर रहे" और पुलिस पर मिर्ची स्प्रे छोड़ दिया। देखते ही देखते शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भगदड़ मच गई। आम नागरिक जो सिर्फ अपने बच्चों के लिए साफ ऑक्सीजन मांग रहे थे, वो सहम कर भागने लगे।
भगत सिंह के नाम पर चलने वाला संगठन विवाद में
प्रदर्शन में शामिल एक संगठन का नाम है भगत सिंह छात्र एकता मंच। लोग पूछ रहे हैं कि जिस भगत सिंह ने फांसी का फंदा चूमा था, उसी के नाम पर खूंखार नक्सली हिडमा के समर्थन में नारे? सोशल मीडिया पर लोग गुस्से में हैं कि शहीदों के नाम का ऐसे दुरुपयोग क्यों हो रहा है।
साइंटिस्ट्स फॉर सोसाइटी ने किनारा कर लिया
प्रदर्शन आयोजित करने वाले मुख्य संगठन एसएफएस ने साफ कहा कि हम सिर्फ प्रदूषण की बात करने आए थे। हिडमा या माओवादियों का कोई एजेंडा नहीं था। हिमखंड और बीएससीईएम के कुछ कार्यकर्ताओं ने अचानक नारे लगाने शुरू कर दिए। हमने रोका भी लेकिन वो नहीं माने। हमने अपना अलग कोना बना लिया और आम लोगों को सिर्फ पॉल्यूशन के बारे में बताया।
आम लोग बोले – हमारा मुद्दा चुरा लिया
एक मां जो अपने बच्चे के साथ आई थीं, ने बताया कि हम तो बस मास्क हटाने की बात कर रहे थे। अचानक नारे सुनकर डर गए। पुलिस ने जो किया सही किया। हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन खराब कर दिया गया। कई बुजुर्ग वहां से रोते हुए लौटे।
पुलिस ने की सख्त कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज कीं और अब तक 22 लोगों को पकड़ लिया है। सी-हेक्सागन की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस का कहना है कि जो भी देश विरोधी नारे लगाएगा और पुलिस पर हमला करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
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