
Up Kiran, Digital Desk: भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के भक्तों के लिए एक अत्यंत शुभ और भव्य अवसर निकट आ रहा है – प्रसिद्ध सोना बेशा उत्सव। इस साल, पुरी के विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर में देवताओं को लगभग 208 किलोग्राम शुद्ध सोने के आभूषणों से सजाया जाएगा।
यह स्वर्णिम श्रृंगार हर साल आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को होता है, जो बहुदा यात्रा (वापसी यात्रा) के ठीक अगले दिन पड़ती है। इस दिन, लाखों भक्त दूर-दूर से पुरी पहुंचते हैं ताकि वे अपने आराध्य देवताओं को उनके सबसे भव्य और दिव्य स्वर्ण-मंडित रूप में देख सकें। यह दर्शन भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
मंदिर के खजाने में सुरक्षित रूप से रखे गए ये सभी 208 किलोग्राम सोने के आभूषण उत्सव से पहले बाहर लाए जाएंगे। देवताओं को पहनाए जाने वाले आभूषणों में विभिन्न प्रकार की मालाएं, मुकुट, और अन्य अनमोल रत्न जटित वस्तुएं शामिल होती हैं, जो उनकी शोभा को कई गुना बढ़ा देती हैं।
इस भव्य आयोजन के दौरान, सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं। ओडिशा पुलिस और मंदिर प्रशासन मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि आभूषणों की सुरक्षा पुख्ता रहे और श्रद्धालु शांतिपूर्ण ढंग से दर्शन कर सकें। सोना बेशा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक जीवंत प्रतीक भी है, जो हर साल लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
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