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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विकास कार्यों को तेज़ी से पूरा करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। नगर निगम द्वारा प्रस्तावित विकास योजनाओं को 80 करोड़ रुपये के बजट की मंजूरी मिल गई है जिससे शहर के विभिन्न निर्माण और रखरखाव कार्यों में नयी रफ्तार आएगी। इस बजट का आवंटन अवस्थापना निधि से किया जाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि शहर के नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ मिलें।

इस ऐतिहासिक निर्णय को स्मार्ट सिटी की बैठक में मेयर की अध्यक्षता में मंजूरी दी गई और नगर निगम ने जो ₹160 करोड़ का बजट मांगा था उसमें से ₹80 करोड़ की राशि स्वीकृत हो चुकी है। अन्य ₹80 करोड़ के आवंटन की संभावना बनी हुई है जिससे लखनऊ के विकास को और भी बढ़ावा मिलेगा।

क्या है इस ₹80 करोड़ के बजट में

यह बजट शहर के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा जिनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं निम्नलिखित हैं:

1. सड़क और नाली मरम्मत: ₹28 करोड़

शहर की सड़क और नाली मरम्मत के लिए ₹28 करोड़ का आवंटन किया गया है। इस बजट में प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सुधार कार्य भी शामिल हैं जिससे शहर में यातायात व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी।

2. स्ट्रीट लाइटें: ₹25 करोड़

शहर में स्ट्रीट लाइटों की समस्या को दूर करने के लिए ₹25 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। इस रकम से शहर के विस्तारित क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी और उनके रखरखाव की व्यवस्था भी की जाएगी जिससे रात के समय सुरक्षा में सुधार होगा।

3. जल निकासी और नाले: ₹50 करोड़

वर्षा के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने के लिए ₹50 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। इसमें सात बड़े नालों की मरम्मत और सफाई सहित अन्य जल निकासी कार्यों का समावेश है जिससे जल निकासी की प्रक्रिया सुचारू होगी और बाढ़ जैसी समस्याओं से बचाव संभव होगा।

4. झील रखरखाव: ₹10.12 करोड़

लखनऊ की कठौता और भरवारा झीलों के रखरखाव के लिए ₹10.12 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। इस बजट का उपयोग झीलों की सफाई और जलस्तर बनाए रखने के लिए किया जाएगा जिससे पर्यावरण को भी संरक्षित रखा जा सकेगा।

5. मॉडल वेंडिंग जोन: ₹15 करोड़

शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के उद्देश्य से ₹15 करोड़ का बजट मॉडल वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए स्वीकृत हुआ है। इससे दुकानदारों को एक निश्चित स्थान पर व्यापार करने का अवसर मिलेगा और शहर के व्यावसायिक वातावरण में सुधार होगा।

6. बाढ़ पंपिंग स्टेशन: ₹10.05 करोड़

बारिश के दौरान जलभराव की समस्या को नियंत्रित करने के लिए बाढ़ पंपिंग स्टेशन के निर्माण और मरम्मत के लिए ₹10.05 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है।

7. प्रवेश द्वार: ₹1.70 करोड़

शहर के प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर ₹1.70 करोड़ की लागत से प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। ये प्रवेश द्वार शहर की सुंदरता बढ़ाएंगे और हरदोई रोड रायबरेली रोड सीतापुर रोड आदि प्रमुख मार्गों पर स्थित होंगे।

8. ट्रांसफॉर्मर शिफ्टिंग और तारों का जाल: ₹3 करोड़

प्रमोद कुमार उपाध्याय जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए शहर के ट्रांसफॉर्मर शिफ्टिंग और तारों के जाल को व्यवस्थित करने के लिए ₹3 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।

9. स्पोर्ट्स जोन: ₹2.21 करोड़

शहर के युवा वर्ग के लिए मुंशी पुलिया स्थित फ्लाईओवर के नीचे एक स्पोर्ट्स जोन बनाने के लिए ₹2.21 करोड़ का बजट मंजूर हुआ है। यह क्षेत्र युवाओं के लिए खेलकूद के अवसरों का विस्तार करेगा और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।

अन्य महत्वपूर्ण कार्य

कल्याण मंडप निर्माण: ₹7 करोड़

यातायात सुधार: ₹3 करोड़

नगर निगम स्कूलों की मरम्मत: ₹2 करोड़

कान्हा गौशाला शेड निर्माण: ₹1 करोड़

नए स्कूल का निर्माण: ₹1 करोड़

इसमें अतिरिक्त उपकरण भी खरीदे जाएंगे जैसे कि जेसीबी (₹41 लाख) पांच ट्रैक्टर (₹35 लाख) एक हाइड्रा क्रेन (₹28 लाख) और एक डीजी सेट (₹14 लाख) जो जलकल के कार्यों में सहायता करेंगे।

क्या यह योजना शहर के लिए एक टर्निंग प्वाइंट होगी

इस बड़े बजट आवंटन से लखनऊ के विकास कार्यों को नई गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इन परियोजनाओं के जरिए न केवल शहर की ढांचागत स्थितियों में सुधार होगा बल्कि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकेंगी। सड़कें जल निकासी व्यवस्था स्ट्रीट लाइटें और अन्य बुनियादी सुविधाओं में सुधार से शहर की जीडीपी और नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

साथ ही इन परियोजनाओं से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे जो अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी साबित होंगे। हालांकि यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि इस बड़े बजट को सही तरीके से लागू किया जाता है या नहीं और क्या इस बजट का सही वितरण सुनिश्चित किया जाएगा।

समाप्त होते-होते यह कहना गलत नहीं होगा कि यह ₹80 करोड़ का बजट लखनऊ के लिए एक नई दिशा और उम्मीद का संकेत है। अगर यह योजनाएं सफलता से लागू होती हैं तो लखनऊ न केवल एक स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर होगा बल्कि यह उत्तर प्रदेश की सबसे विकसित और आधुनिक शहरों में से एक बन सकता है।

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