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Up Kiran, Digital Desk: गर्मी सिर्फ तापमान नहीं बढ़ा रही, अब जान भी लेने लगी है। बिहार के सीमावर्ती शहर रक्सौल से गुरुवार को आई एक हृदयविदारक घटना ने गर्मी की भयावहता को सामने ला दिया। नरकटियागंज स्थित रामजानकी मंदिर के महंत नंद किशोर दास जी महाराज की भीषण गर्मी की चपेट में आने से मौत हो गई। यह कोई सामान्य मौत नहीं थी ये एक चेतावनी है, एक कड़ी दस्तक है हमारे बेपरवाह होते जीवनशैली पर।

जानें क्या हुआ था

नंद किशोर दास जी महाराज अपने पिता के बरखी (श्राद्ध) कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नरकटियागंज से मधुबनी के बेनीपट्टी जा रहे थे। जब वे रक्सौल पहुंचे और पैदल बस स्टैंड की ओर बढ़े, तो सोना टॉकीज के पास अचानक गिर पड़े। यह वही समय था जब तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका था और दोपहर की तपती सड़कें अंगारे उगल रही थीं।

स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़े। सरकारी एम्बुलेंस को कॉल किया गया पर अफसोस, एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं थी। किसी देवदूत की तरह सामाजिक कार्यकर्ता राजेश चौरसिया मौके पर पहुंचे और तुरंत एक ई-रिक्शा की मदद से उन्हें रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल ले गए।

डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार शुरू किया, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। डॉ. राजीव रंजन जो अस्पताल के उपाधीक्षक हैं, उन्होंने बताया कि उन्हें गंभीर लू लगी थी लक्षण बेहद स्पष्ट थे और शरीर ने जवाब दे दिया था।

उनकी मौत की खबर मिलते ही परिवार में मातम छा गया और इलाके में गर्मी को लेकर डर का माहौल बन गया है।

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