
Mahavir Jayanti 2025: भारत में जैन धर्म न केवल एक प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा है, बल्कि ये स्थापत्य कला और शांति के संदेश का भी जीवंत प्रतीक है। देश भर में फैले जैन मंदिर न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक स्थल हैं, बल्कि वे अद्भुत वास्तुकला, नक्काशी और इतिहास के बेजोड़ नमूने भी हैं। आईये जानते हैं जैन धर्म के चार मशहूर मंदिरों के बारे में।
पहला मंदिर
राजस्थान की अरावली पहाड़ियों की गोद में स्थित रणकपुर जैन मंदिर 15वीं सदी का एक अद्भुत स्थापत्य चमत्कार है। सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है। इसकी सबसे अनोखी विशेषता हैं इसके 1,444 नक्काशीदार खंभे, जिनमें से कोई भी दो एक जैसे नहीं हैं। खंभों पर बनी महीन कारीगरी और मंदिर के केंद्र में स्थित विशाल मंडप इसे विश्व के सबसे सुंदर जैन मंदिरों में से एक बनाते हैं।
दूसरा मंदिर
कोच्चि के मट्टनचेरी इलाके में स्थित धर्मनाथ जैन मंदिर अपने अनोखे द्रविड़-जैन स्थापत्य मिश्रण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का शांत वातावरण, रंगीन चित्रों और अलंकृत दीवारों से सजा आंतरिक भाग इस मंदिर को एक अलग गरिमा प्रदान करता है। पर्यटक और श्रद्धालु दोनों ही इस मंदिर को दक्षिण भारत के कम ज्ञात लेकिन बेहद सुंदर जैन स्थलों में गिनते हैं।
तीसरा मंदिर
झारखंड की पारसनाथ पहाड़ियों पर स्थित श्री शिखरजी मंदिर को जैन धर्म का सबसे पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि 24 में से 20 तीर्थंकरों ने यहीं मोक्ष प्राप्त किया था। मंदिर तक पहुँचने के लिए तीर्थयात्रियों को लंबी चढ़ाई करनी पड़ती है, जो स्वयं में एक तपस्या जैसी अनुभूति देती है। यह तीर्थ सिर्फ एक स्थल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है।
चौथा मंदिर
गुजरात की शत्रुंजय पहाड़ियों पर फैला पालीताना मंदिर परिसर जैन धर्म के सबसे बड़े और सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। यहाँ 800 से अधिक मंदिर हैं, और श्रद्धालु नंगे पैर 3,000 से ज़्यादा सीढ़ियाँ चढ़कर यहाँ दर्शन करने पहुँचते हैं। मंदिरों की चमचमाती सफेद संरचना और पहाड़ी की चोटी से दिखाई देने वाला दृश्य इसे दिव्यता का प्रतीक बनाता है।
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