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Up Kiran, Digital Desk: बस्तर के बीहड़ों में दशकों से अपनी पकड़ बनाए बैठे नक्सलियों को एक बड़ा झटका देने वाला अभियान छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में चलाया गया है। यह ऑपरेशन न केवल अपनी तीव्रता और योजना के लिए खास है, बल्कि इसलिए भी ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि पहली बार सुरक्षा बलों ने सरेगुट्टा की पहाड़ियों में सीधे घुसकर कार्रवाई की है।
15 से अधिक नक्सली ढेर, कई ठिकाने तबाह
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस बड़े अभियान में अब तक 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया गया है। इससे पहले भी इस इलाके में 4 नक्सली मारे जा चुके थे। यह संकेत है कि जवान अब नक्सलियों के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले गढ़ों में घुसपैठ कर चुके हैं।
सूत्रों की मानें तो इस ऑपरेशन में कई बड़े नक्सली या तो मारे गए हैं या बुरी तरह घायल हुए हैं। इसके साथ ही सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के कई बंकरों और ठिकानों को भी पूरी तरह तबाह कर दिया है।
200 से ज्यादा IED बरामद, तेलंगाना बॉर्डर पर कड़ा पहरा
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि करेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में तलाशी के दौरान 200 से ज्यादा IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किए गए हैं। यह इस बात का सबूत है कि नक्सली किस स्तर पर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की तैयारी में थे।
करीब 5000 फीट ऊंची करेगुट्टा पहाड़ी पर जवान तैनात हैं, और अब यह इलाका रणनीतिक रूप से सेना के नियंत्रण में है। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि नक्सली तेलंगाना बॉर्डर से छत्तीसगढ़ में घुसने की कोशिश करेंगे, तो सीधे जवानों से उनकी मुठभेड़ होगी।
जंगल, चट्टान और बांस के झुरमुट पार करते जवान
इस अभियान की सबसे बड़ी चुनौती थी – भूगोल। बीजापुर का यह इलाका बेहद कठिन और दुर्गम है। जवानों को बांस के झुरमुटों, घने जंगलों और फिसलन भरी चट्टानों से गुजरते हुए पहाड़ी की चोटी तक पहुंचना पड़ा।
इन इलाकों में नक्सलियों की सालों से मजबूत पकड़ रही है, क्योंकि वे इन रास्तों, दर्रों और छिपने की जगहों को भलीभांति जानते हैं। लेकिन इस बार सुरक्षा बलों ने रणनीति के तहत धीरे-धीरे इस इलाके में अपनी पैठ बना ली है।
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