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Up Kiran, Digital Desk: कांग्रेस ने आज भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर तीखी निंदा की है। पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दलितों के प्रति हो रहे अत्याचारों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। साथ ही उनके इस्तीफे की मांग भी की।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ नेता राजेंद्र पाल गौतम और इमरान मसूद ने कहा कि पिछले दस वर्षों में उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न के मामले नाटकीय रूप से बढ़े हैं। गौतम ने बताया कि देश में दलित उत्पीड़न के 75 प्रतिशत मामले भाजपा शासित पांच राज्यों में हैं, जिनमें अकेले उत्तर प्रदेश का हिस्सा 26.2 प्रतिशत है।

गौतम ने रायबरेली की एक हालिया घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक दलित युवक को बर्बरता से पीटा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने राहुल गांधी का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि "यहाँ हर कोई बाबा का समर्थन करता है।" इस घटना को उन्होंने गंभीर बताते हुए यूपी सरकार से सवाल किया कि क्या राज्य में कानून और संविधान की कोई इज्जत बची है?

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। साथ ही पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।

इमरान मसूद ने भाजपा सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संविधान की अनदेखी हो रही है और अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। मसूद ने बुलडोजर की बेकाबू कार्रवाई की भी आलोचना की, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद जारी है।

मसूद ने कहा, "कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ढह चुकी है। महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। भाजपा सरकार न तो कानून की रक्षा कर पा रही है, न ही कमजोर समुदायों की सुरक्षा।"