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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार बम विस्फोट की जांच अब और तेज़ हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में अल-फलाह समूह से जुड़े 25 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी का उद्देश्य शेल कंपनियों, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े संभावित वित्तीय अपराधों की जांच करना है।

यह कार्रवाई ईडी द्वारा विश्वविद्यालय के सभी अभिलेखों की फोरेंसिक ऑडिट के बाद की गई है। ईडी और अन्य वित्तीय एजेंसियों को अल-फलाह विश्वविद्यालय के वित्तीय मामलों की जांच करने और उस से जुड़ी संदिग्ध धन स्रोतों का पता लगाने के लिए निर्देशित किया गया है।

आतंकी मॉड्यूल के संलिप्तता की जांच

जानकारी के अनुसार, अल-फलाह विश्वविद्यालय के दिल्ली कार्यालय में भी छापे मारे गए। इस विश्वविद्यालय से जुड़े कई संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की गई है, जिनमें मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी भी शामिल हैं, जिन्होंने विस्फोट में शामिल कार को चलाया था।

वहीं, जाँचकर्ताओं का मानना है कि इस विश्वविद्यालय में एक आतंकी मॉड्यूल का संचालन हो रहा था, जो शेल कंपनियों और वित्तीय अनियमितताओं के माध्यम से संदिग्ध गतिविधियाँ चला रहा था।

फर्जी कंपनियों और संदिग्ध लेन-देन की बढ़ती पहचान

जांच में अधिकारियों ने नौ फर्जी कंपनियों की पहचान की, जो एक ही पते पर पंजीकृत थीं और इन कंपनियों के संचालन में बड़ी वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं। इन कंपनियों के कर्मचारियों का कोई रिकॉर्ड नहीं था, और इनसे जुड़ी वित्तीय गतिविधियाँ भी संदेहजनक पाई गईं।

इन कंपनियों के पास न तो कोई कर्मचारियों का रिकॉर्ड था, न ही कोई नियमित व्यापारिक लेन-देन। अधिकारियों का मानना है कि इन कंपनियों का उद्देश्य संदिग्ध वित्तीय प्रवाह को छुपाना हो सकता है।

विश्वविद्यालय में भय का माहौल, छात्र घर लौटने को मजबूर

अल-फलाह विश्वविद्यालय में अब एक डर का माहौल बन गया है। छापेमारी और जांच के चलते छात्रों और कर्मचारियों में असमंजस है। परीक्षा के मौसम में चल रही इस जांच ने छात्रों को परिसर में ही रहने के लिए मजबूर कर दिया है। कुछ छात्रों ने घर लौटने का विकल्प चुना है। प्रशासन इस स्थिति को सामान्य बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, लेकिन छापेमारी की खबरें भय पैदा कर रही हैं।