img

Up Kiran, Digital Desk: हर साल ज्येष्ठ के महीने में जब सूरज अपने पूरे ताप के साथ आकाश के मध्य में प्रज्वलित होता है तब नौतपा का आगमन होता है। ये वही समय है जब तपती हुई हवाएं जैसे धरती की हर रग-रग को झुलसा देने को तैयार रहती हैं। इस बार नौतपा की शुरुआत 25 मई से हुई थी और तब से ही आसमान मानो आग बरसा रहा है।

इन दिनों शरीर का ध्यान रखना न सिर्फ जरूरी बल्कि अनिवार्य हो जाता है। जैसे-जैसे दोपहर की धूप सिर पर चढ़ती है वैसे-वैसे शरीर से पानी की हर बूंद मानो उड़ती चली जाती है। लू के थपेड़े नाड़ी को सूखा देने लगते हैं और त्वचा पर चिपचिपी गर्मी का भार महसूस होता है। ऐसे मौसम में डॉक्टर भी बार-बार कहते हैं  शरीर को ठंडक पहुंचाइए उसे तर रखिए।

पर सवाल उठता है  क्या खाएं क्या पिएं कि शरीर इस गर्मी के खिलाफ अपनी जंग जीत सके

इसी उलझन को सुलझाते हुए हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे पारंपरिक पेय जो न सिर्फ स्वादिष्ट हैं बल्कि शरीर को भीतर से ठंडक और राहत भी प्रदान करते हैं।

बेल का शरबत  मिट्टी की सोंधी गंध सा ठंडा एहसास

गर्मी की इस तपिश में यदि बेल का शरबत पिया जाए तो ये शरीर के भीतर बहती आग को शीतल झरने में बदल देता है। बेल का फल जिसे तोड़ते ही उसकी छाल से मिट्टी की सोंधी महक निकलती है अपने भीतर गजब की ठंडक समेटे होता है।

बनाने की विधि

बेल को तोड़ते वक्त उसकी कठोरता के भीतर छुपा गूदेदार संसार जैसे खुद को खोल देता है। इस गूदे में थोड़ा पानी मिलाकर जब उसे मैश किया जाता है तो उसमें एक प्राकृतिक मिठास घुलती है। अब इसमें शहद की कुछ बूंदें या चाहें तो थोड़ी सी चीनी मिलाएं जो इसके स्वाद को संतुलन दे। बर्फ के कुछ टुकड़े डालकर इसे ठंडा-ठंडा परोसें  ये न सिर्फ लू से बचाएगा बल्कि पेट को भी हल्का और साफ रखेगा।

छाछ  दादी के हाथ की याद दिलाती शीतलता

गर्मी में अगर कोई पेय बचपन की रसोई की याद दिलाता है तो वो है छाछ। ये न सिर्फ पाचन में मददगार है बल्कि शरीर को ठंडक पहुंचाने का सबसे सादा पर सबसे प्रभावी तरीका भी।

बनाने की विधि

एक कप ताजे दही में दो कप ठंडा पानी मिलाकर उसे मथ लें  जैसे पुराने समय में रई से मट्ठा मथा जाता था। अब इसमें स्वाद अनुसार नमक तवे पर भुना हुआ जीरा और बारीक कटा हुआ पुदीना मिलाएं। जब सब कुछ अच्छे से घुल जाए तो इसे एक मिट्टी के कुल्हड़ में परोसें  वो मिट्टी की खुशबू और कुल्हड़ की सादगी इस पेय को और भी आत्मीय बना देती है।

तरबूज का जूस  लाल रस का मीठा सुकून

गर्म हवाओं में जब शरीर थक कर बैठ जाता है तब एक गिलास तरबूज का जूस जैसे जीवन में फिर से रंग भर देता है। इसका हर घूंट जैसे किसी बगिया की ठंडी छांव में ले जाता है जहां सूरज की किरणें भी मुलायम महसूस होती हैं।

बनाने की विधि

कटे हुए लाल तरबूज को जब ब्लेंडर में घुमाया जाता है तो एक मीठा रसीला जूस तैयार होता है  मानो धरती ने खुद इसे हमारे लिए निचोड़ा हो। अब इसमें पुदीने की कुछ पत्तियां डालें जो इसे ताजगी दें नींबू की कुछ बूंदें जो इसे चुलबुला बनाएं और स्वाद अनुसार थोड़ा सा काला नमक  ताकि मिठास का संतुलन बना रहे। कुछ आइस क्यूब्स डालिए और बस तरबूज का ठंडा-ठंडा रस तैयार है  पीते ही जैसे आत्मा तक हाइड्रेट हो जाए।

 

--Advertisement--