_962434961.png)
Up Kiran , Digital Desk: भारत-चीन सीमा पर तैनाती के दौरान लेह में शहीद हुए बिहार के नवादा जिले के पांडे गंगोट गांव निवासी मनीष कुमार का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव लाया गया। शहीद के अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। ‘जब तक सूरज चांद रहेगा मनीष तेरा नाम रहेगा’ जैसे गगनभेदी नारों से आसमान गूंज उठा।
मनीष कुमार की शहादत की खबर जैसे ही नवादा पहुंची पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार को पटना से सेना के विशेष वाहन द्वारा उनका पार्थिव शरीर नवादा लाया गया। नवादा पुलिस लाइन में जिला प्रशासन द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके पश्चात सेना के ट्रक पर पार्थिव शरीर को रखकर मोटरसाइकिल और चार पहिया वाहनों के विशाल काफिले के साथ पांडे गंगोट गांव ले जाया गया।
गांव में पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए। आमजन से लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक क्षेत्र की हस्तियों ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। शोकसभा में सांसद विवेक ठाकुर भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल मेहता वरिष्ठ नेता प्रमोद कुमार चुन्नू विधायक अरुणा देवी समाजसेवी मुकेश कुमार दिनकर नंदकिशोर चौरसिया जदयू जिलाध्यक्ष मुकेश विद्यार्थी विनय सिंह और प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. केपी सिंह मौजूद रहे। सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर मनीष कुमार की शहादत को नमन किया।
गांव के मंदिर परिसर में पार्थिव शरीर को आम जनता के दर्शनार्थ रखा गया जहां महिलाओं युवाओं और बुजुर्गों की आंखें नम थीं। "जय हिंद" और "भारत माता की जय" के नारों के बीच माहौल भावुक हो उठा। गांव में सेना के जवान अंतिम सलामी देने की तैयारी में जुटे थे।
मनीष कुमार की अंतिम यात्रा आज सायं संपन्न होगी जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी जाएगी। नवादा जिले के अन्य गांवों से भी लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं। शहीद की यह अंतिम यात्रा न सिर्फ एक जवान को विदाई थी बल्कि देश के लिए जान देने वाले वीर सपूत को पूरे समाज की तरफ से श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने का प्रतीक बन गई।
--Advertisement--