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Up Kiran, Digital Desk: माता वैष्णो देवी मंदिर की ओर जाने वाले प्रसिद्ध मार्ग पर मंगलवार को हुए भीषण भूस्खलन ने स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण बना दी है। अधिकारियों ने बुधवार सुबह तक पुष्टि की कि हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 तक पहुँच गई है।

निरंतर मूसलधार बारिश से प्रभावित यह भूस्खलन त्रिकुटा पहाड़ी पर उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में यात्री मंदिर की ओर बढ़ रहे थे। हादसे के तुरंत बाद सुरक्षाबल व आपदा प्रबंधन दल राहत व बचाव कार्य में जुट गए। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए भारी मशीनरी का प्रयोग हो रहा है।

रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमवीर सिंह ने बताया कि हालात काफी गंभीर हैं और राहत अभियान में एनडीआरएफ व स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार जुटी हुई हैं।

यात्रा मार्ग पर लगा रोक

जानकारी के अनुसार, कटरा से मंदिर तक लगभग 12 किलोमीटर लंबा रास्ता है। मंगलवार की दोपहर को पुराने मार्ग पर अचानक भूस्खलन हुआ। इससे पहले सुबह की बारिश को देखते हुए हिमकोटि वाले मार्ग पर यात्रा रोक दी गई थी। दोपहर बाद बारिश तेज़ होने पर प्रशासन ने शेष मार्ग को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया।

श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से की अपील

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वे अपनी यात्रा फिलहाल स्थगित कर दें और मौसम सामान्य होने पर ही आगे का कार्यक्रम तय करें। बोर्ड ने यात्रियों की सहायता के लिए निहारिका परिसर में समर्पित हेल्पलाइन डेस्क शुरू किया है। यात्री किसी भी अपडेट के लिए कॉल या व्हाट्सएप नंबर 9906019460 और 9906019446 पर संपर्क कर सकते हैं।

जम्मू क्षेत्र में मानसून का प्रकोप

पिछले कुछ दिनों से जम्मू क्षेत्र में निरंतर भारी बारिश हो रही है। नदियाँ उफान पर हैं, पहाड़ी इलाकों में जगह-जगह भूस्खलन और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। इससे पहले 17 अगस्त को कठुआ ज़िले में बादल फटने की घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी।

रेल सेवाएँ भी बाधित

भारी बारिश और पहाड़ी कटाव का असर रेल सेवाओं पर भी पड़ा है। उत्तर रेलवे ने मंगलवार को घोषणा की कि अगले दिन की 22 ट्रेनें रद्द की गईं, जबकि 27 ट्रेनों को बीच रास्ते ही रोकना पड़ा। इसमें ज्यादातर ट्रेनें कटरा और जम्मू स्टेशनों से संबंधित थीं।

इसके अलावा, चक्की नदी के समीप अचानक आई बाढ़ और मिट्टी कटाव के चलते पठानकोट से हिमाचल प्रदेश के कंदरोड़ी तक रेल यातायात रोक दिया गया। हालांकि कटरा से श्रीनगर जाने वाला रेल खंड फिलहाल चालू है।

प्रशासन सतर्क

प्रशासन का कहना है कि मौसम की स्थिति में सुधार होने तक यात्रा और यातायात व्यवस्था पर अंकुश रहेगा। प्राथमिक फोकस राहत और बचाव कार्यों पर है, ताकि मलबे में फंसे किसी भी ज़िंदा व्यक्ति को जल्द से जल्द निकाला जा सके।

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