Teacher misconduct: केरल के तिरुवनंतपुरम में एक स्कूल ने एक शिक्षक की नियुक्ति की और इसे बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन ये नियुक्ति उस समय संदिग्ध हो गई जब यह सामने आया कि शिक्षक के इरादे ठीक नहीं थे। एक कक्षा 5 की छात्रा जो अब कक्षा 7 में पहुंच चुकी है, वो मास्टर की अश्लीलता का शिकार हो गई। यह मामला तब उजागर हुआ जब छात्रा ने अपनी आपबीती को साझा किया।
शिक्षक की काली करतूतें तीन साल तक छिपी रहीं। तो वहीं जब मामला सामने आया तो स्कूल प्रबंधन ने इसे दबाने की कोशिश की। प्रबंधन ने इस गंभीर मामले को छिपाने के लिए हर संभव प्रयास किया ताकि स्कूल की छवि को नुकसान न पहुंचे। लेकिन अंततः मामला पुलिस तक पहुंच गया जब छात्रा के परिजनों ने न्याय की मांग की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
आपोक बात दें कि स्कूल के प्रिंसिपल या अन्य लोगों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है। ये परेशान करने वाला प्रश्न उठाता है कि आखिर स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में चुप्पी क्यों साधी? क्या उन्हें छात्रों की सुरक्षा की चिंता नहीं थी? काउंसलिंग के दौरान छात्रा ने बताया कि शिकायत के बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया था मगर स्कूल प्रशासन ने पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी।