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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय रेलवे यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने और नेटवर्क क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत करने जा रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इस योजना के बारे में जानकारी दी, जिसके तहत रेलवे अगले पांच वर्षों में 1000 नई ट्रेनों का संचालन शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य न केवल रेल परिवहन को सस्ता और कुशल बनाना है, बल्कि यात्रियों के लिए यात्रा को और भी सुखद बनाना भी है।

अगले पांच सालों में 1000 नई ट्रेनें

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि सरकार का लक्ष्य 2027 तक 1000 नई ट्रेनें शुरू करने का है, जो रेलवे के नेटवर्क को और भी विस्तार देगा। इसके साथ ही बुलेट ट्रेन का वाणिज्यिक संचालन भी 2027 तक शुरू करने का प्रस्ताव है।

वैष्णव ने इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए कहा कि ये परिवर्तन भारतीय रेलवे को सिर्फ देश में नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी रेल निर्यात का एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। उनका कहना था कि यह कदम भारतीय रेलवे को एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण के तहत लागत-कुशल लॉजिस्टिक्स का एक अहम हिस्सा बनाएगा।

पिछले 11 वर्षों में 35,000 किलोमीटर का विस्तार

केंद्रीय रेल मंत्री ने इस दौरान यह भी बताया कि भारत ने पिछले 11 वर्षों में रेलवे नेटवर्क में 35,000 किलोमीटर ट्रैक जोड़ा है, जो जर्मनी के पूरे नेटवर्क के बराबर है। एक वर्ष में 5,300 किलोमीटर नेटवर्क जोड़ा जाना भी भारतीय रेलवे की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है। इसके अलावा, हर साल 30,000 वैगन और 1,500 लोकोमोटिव का निर्माण किया जा रहा है, जो उत्तरी अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से भी अधिक है।

रेलवे में निवेश में वृद्धि

अश्विनी वैष्णव ने रेलवे में हो रहे निवेश के बारे में जानकारी दी और बताया कि यह निवेश पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। उन्होंने बताया कि रेलवे में अब तक 25,000 करोड़ रुपये का निवेश बढ़कर 2.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) से 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश शामिल है। यह निवेश रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने और उसे भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में अहम साबित होगा।

बुलेट ट्रेन पर अपडेट

भारतीय रेलवे की हाई-स्पीड रेल परियोजना, जिसे बुलेट ट्रेन के नाम से जाना जाता है, पर भी वैष्णव ने चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को जापानी सहयोग से बढ़ावा दिया जा रहा है और पहला प्रोटोटाइप ट्रेन 2026 तक चलने की उम्मीद है। वहीं, इसके वाणिज्यिक संचालन का लक्ष्य 2027 में रखा गया है।

सुरक्षा में सुधार

यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी रेल मंत्री ने सकारात्मक खबर दी। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में रेल दुर्घटनाओं की संख्या में भारी गिरावट आई है। सालाना रेल दुर्घटनाओं की संख्या अब 170 से घटकर 30 से भी कम हो गई है, जबकि कुल रेल दुर्घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने इसे रेलवे की दैनिक सुरक्षा समीक्षा और ट्रैक, पॉइंट और सिग्नलिंग प्रणालियों में किए गए सुधारों का परिणाम बताया।