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Up Kiran, Digital Desk: पिछड़े वर्गों के मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा शुक्रवार को माफी मांगने के बाद, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राहुल गांधी ने पिछड़े वर्गों से यह माफी मांगी थी कि अगर उन्हें इस वर्ग की समस्याओं का सही से एहसास होता, तो वे पहले ही जातिगत जनगणना करवाते। बसपा प्रमुख ने कांग्रेस पर स्वार्थी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी की माफी को "घड़ियाली आंसू" करार दिया है।
मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि यह स्वीकार करना कि कांग्रेस पार्टी कभी ओबीसी वर्ग के मुद्दों पर भरोसेमंद नहीं रही, कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बयान कांग्रेस के स्वार्थी रवैये को दिखाता है, जिसमें 'दिल में कुछ और, जुबान पर कुछ और' की राजनीति की जाती है। मायावती ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने हमेशा एससी/एसटी और ओबीसी समुदायों का शोषण किया और उनके मुद्दों को नजरअंदाज किया।
मायावती ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी का यह रवैया उन दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के प्रति हमेशा नकारात्मक रहा है, जिन्होंने अपनी आवाज़ उठाने के लिए बसपा जैसी पार्टी बनाई। उनका कहना था कि जब इन वर्गों के लोगों ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया, तो कांग्रेस की नीतियां हमेशा इन वर्गों के खिलाफ रही।
बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियों ने हमेशा इन वर्गों के आरक्षण और अन्य संवैधानिक अधिकारों को दबाया है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस की नीयत में खोट है, और जब सत्ता से बाहर हो जाते हैं, तब उन्हें इन वर्गों की याद आती है।" मायावती ने यह भी जोड़ा कि बीजेपी के एनडीए का रवैया भी इन वर्गों के प्रति दोहरा है, क्योंकि उन्होंने भी एससी/एसटी और ओबीसी वर्गों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया है।
मायावती ने यह भी कहा कि कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियों ने मिलकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को निष्क्रिय कर दिया है, जिससे इन वर्गों को समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था में गुलाम बना दिया गया। उन्होंने यह दावा किया कि बसपा ही इन वर्गों की सच्ची हितैषी पार्टी है और इसके नेतृत्व में गरीबों, मजलूमों और बहुजन समाज का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
यूपी में चार बार बसपा के नेतृत्व वाली सरकार का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा गरीबों और पिछड़ों के हितों की रक्षा की है और अब भी वही पार्टी इन वर्गों की सच्ची आवाज़ है। उन्होंने चेतावनी दी कि इन विरोधी पार्टियों के बहकावे में आने से दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्गों का भला नहीं होगा।
मायावती ने अपने संदेश का समापन करते हुए यह कहा कि इन वर्गों को केवल बसपा में ही अपनी सुरक्षा और सम्मान की उम्मीद रखनी चाहिए, क्योंकि यह पार्टी ही उनके कल्याण और समृद्धि की गारंटी देती है।
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