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Up Kiran, Digital Desk: भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जिसे तिरंगा कहा जाता है, तीन प्रमुख रंगों से बना है, और हर रंग का विशिष्ट महत्व है। ये रंग न केवल देश की संस्कृति और इतिहास को दर्शाते हैं, बल्कि यह हमें हमारे आदर्शों और मूल्यों की याद दिलाते हैं। आइए जानते हैं तिरंगे के रंगों और अशोक चक्र के बारे में विस्तार से-
केसरिया (ऊपरी रंग)
तिरंगे का सबसे ऊपर का रंग केसरिया या नारंगी है, जो त्याग, साहस और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है। यह रंग हमारे राष्ट्र की सेवा के लिए दी गई बलिदान की भावना को प्रदर्शित करता है। केसरिया रंग हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपनी मातृभूमि के लिए निस्वार्थ भाव से काम करना चाहिए और हमेशा दूसरों की भलाई के लिए समर्पित रहना चाहिए।
सफेद (मध्य रंग)
ध्वज का मध्य भाग सफेद रंग से सज्जित है, जो सत्य, शांति और पवित्रता का प्रतीक है। यह रंग भारत की एकता और सच्चाई की दिशा में चलने का संदेश देता है। सफेद रंग हमें अपनी सामूहिक ताकत, पारदर्शिता और शांति की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है। यह रंग दर्शाता है कि देश में हर व्यक्ति को समान रूप से सम्मान मिलना चाहिए और हम सभी को मिलकर शांति और सद्भाव से काम करना चाहिए।
हरा (निचला रंग)
तिरंगे का निचला रंग हरा है, जो समृद्धि, प्रगति और कृषि संस्कृति का प्रतीक है। हरा रंग भारतीय समाज के खेतों, किसानों और कृषि परंपराओं को दर्शाता है। यह रंग हमारे देश की निरंतर बढ़ती समृद्धि और प्रकृति के साथ हमारे गहरे संबंध को प्रदर्शित करता है। हरा रंग हमें यह याद दिलाता है कि हमारी वास्तविक समृद्धि और विकास कृषि और प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करते हैं।
अशोक चक्र
तिरंगे की सफेद पट्टी के बीच में स्थित नीला अशोक चक्र भारतीय ध्वज का प्रमुख और महत्वपूर्ण तत्व है। यह चक्र गहरे नीले रंग का होता है और इसमें 24 तीलियाँ (रेखाएँ) होती हैं। अशोक चक्र भारतीय इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है, और यह सम्राट अशोक के सिंह स्तंभ पर उकेरे गए धर्म चक्र से लिया गया है, जो सारनाथ में स्थित है।
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