Up Kiran, Digital Desk: आज हम आपको हैदराबाद की कुछ ऐसी महिलाओं से मिलवाने जा रहे हैं, जो न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना बना रही हैं, बल्कि अपनी और अपने परिवार की तकदीर भी लिख रही हैं। हैदराबाद में एक अनोखी और प्रेरणादायक पहल शुरू हुई है, जिसका नाम है "मिलेट मदर्स" (Millet Mothers)।
क्या है यह 'मिलेट मदर्स' पहल?
जैसा कि नाम से ही जाहिर है, यह पहल मिलेट्स यानी मोटे अनाज (जैसे ज्वार, बाजरा, रागी) पर आधारित है, जिन्हें हम सुपरफूड भी कहते हैं। इस कार्यक्रम के तहत, हैदराबाद में महिलाओं, खासकर स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को, मोटे अनाज से बने स्वादिष्ट और हेल्दी व्यंजन बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना: इस पहल के जरिए महिलाओं को एक स्थायी आजीविका (sustainable livelihood) का साधन मिल रहा है। वे न केवल एक नया हुनर सीख रही हैं, बल्कि अपने बनाए प्रोडक्ट्स को बेचकर आर्थिक रूप से स्वतंत्र भी बन रही हैं। यह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और उन्हें घर की चारदीवारी से बाहर निकालकर एक पहचान देने की एक शानदार कोशिश है।
समाज को सेहतमंद बनाना: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम पिज्जा-बर्गर जैसे फास्ट फूड के आदी हो गए हैं और अपने पारंपरिक पौष्टिक अनाज को भूलते जा रहे हैं। 'मिलेट मदर्स' इस सोच को बदलने का काम कर रही हैं। वे लोगों तक मोटे अनाज से बने हेल्दी और टेस्टी विकल्प पहुंचा रही हैं, जिससे समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है।
यह पहल दिखाती है कि अगर सही मौका दिया जाए, तो महिलाएं क्या कुछ नहीं कर सकतीं। वे न केवल अपना घर चला सकती हैं, बल्कि पूरे समाज की सेहत का ख्याल भी रख सकती हैं। हैदराबाद की ये 'मिलेट मदर्स' आज हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं।
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