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Kisan Andolan: केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को उनकी मांगों पर चर्चा के लिए बैठक के लिए आमंत्रित किया है। अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे किसानों को 19 मार्च को चंडीगढ़ में बैठक का निमंत्रण मिला है। केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय की ओर से चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी संस्थान में यह बैठक आयोजित की गई है, जिसमें किसानों को सुबह 11 बजे पहुंचने को कहा गया है।

बता दें कि मांगों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच पिछली बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका था। 22 फरवरी को छठे दौर की बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद जोशी और पीयूष गोयल बातचीत के लिए आए। यह बैठक लगभग तीन घंटे तक चली, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने निमंत्रण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र की ओर से पहले मिले पत्र में निमंत्रण के अनुसार केवल समय में बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा को पत्र के माध्यम से बैठक के बारे में सूचित कर दिया गया है।

किसानों की मांगें क्या हैं, जानें

सभी फसलों पर एमएसपी खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाएं
फसलों के दाम स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर तय किये जाने चाहिए।
डीएपी उर्वरक की कमी को दूर किया जाना चाहिए
किसानों और खेत मजदूरों के कर्ज माफ किए जाएं और पेंशन दी जाए।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पुनः लागू किया जाना चाहिए
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
मुक्त व्यापार समझौतों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
शहीद किसान के परिवार को सरकारी नौकरी और मुआवजा दिया जाना चाहिए।
बिजली संशोधन विधेयक 2020 निरस्त किया जाए
मनरेगा के माध्यम से लोगों को हर साल काम के लिए 700 रुपये प्रतिदिन दिए जाने चाहिए
नकली बीज और उर्वरक बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कानून
मिर्च, हल्दी, मसालों पर राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
संविधान की 5वीं अनुसूची लागू करके आदिवासियों की जमीन हड़पने पर रोक लगाई जाएगी।