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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में हुई एक रिसर्च ने भारत और दक्षिण एशिया के लाखों बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बहुत बड़ी और चिंताजनक सच्चाई सामने लाई है. पता चला है कि हमारे बच्चे यौन शोषण (sexual exploitation) के बड़े खतरे का सामना कर रहे हैं, और यह खतरा ज़्यादातर ऑनलाइन दुनिया में पनप रहा है.

इंटरनेट और डिजिटल बढ़त, बन रहे शोषण का ज़रिया?

रिसर्च के मुताबिक, खासकर कोरोना महामारी के बाद जब बच्चों ने स्कूल की बजाय घर से ज़्यादा वक़्त इंटरनेट पर बिताना शुरू किया, तब से यह समस्या और गंभीर हो गई है. बच्चे आज के समय में वीडियो गेम, सोशल मीडिया और दूसरी ऑनलाइन एक्टिविटीज़ में काफी वक़्त बिता रहे हैं. दुर्भाग्य से, कुछ गलत इरादे वाले लोग इसी ऑनलाइन दुनिया का फायदा उठाकर बच्चों को अपने जाल में फंसा रहे हैं.

जानकारी की कमी है सबसे बड़ा दुश्मन: इस रिसर्च में यह भी पाया गया है कि बच्चों में और यहाँ तक कि कई मामलों में उनके माता-पिता में भी, ऑनलाइन खतरों और यौन शोषण के तरीकों के बारे में जागरूकता की कमी है. सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ामों का न होना और सही जानकारी का अभाव, इन बच्चों को इन ख़तरनाक लोगों का आसान शिकार बना रहा है. यह एक बहुत बड़ा संकट है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है.

सबकी ज़िम्मेदारी, सबके लिए ज़रूरत: इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए केवल एक पक्ष की कोशिश काफी नहीं होगी. यह वक़्त है कि माता-पिता, स्कूल, सरकार और टेक्नोलॉजी कंपनियाँ – हम सब मिलकर इस चुनौती का सामना करें. बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता फैलाना, उन्हें डिजिटल शिष्टाचार सिखाना, और मज़बूत सुरक्षा उपाय लागू करना बहुत ज़रूरी है. ताकि हमारे बच्चे इस ऑनलाइन दुनिया का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से कर सकें और शोषण के ख़तरे से दूर रह सकें.