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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को देश के पूर्वी हिस्से के दो महत्वपूर्ण राज्यों, पश्चिम बंगाल और बिहार के दौरे पर हैं। इस एक दिन के दौरे में जहाँ एक तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा का बड़ा एजेंडा है, तो वहीं दूसरी तरफ बिहार के विकास को लेकर कई बड़ी घोषणाएं भी शामिल हैं। यह दौरा एक साथ कई संदेश दे रहा है।

कोलकाता में 'त्रिशूल' बैठक: सेना के तीनों प्रमुखों के साथ मंथन

दिन की शुरुआत प्रधानमंत्री ने कोलकाता में की, जहाँ उन्होंने 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन (Combined Commanders' Conference) में हिस्सा लिया। यह कोई आम बैठक नहीं थी, बल्कि देश की सुरक्षा की सबसे बड़ी 'त्रिशूल' बैठक थी, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के टॉप कमांडर शामिल हुए।

इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह पहली बार कोलकाता के फोर्ट विलियम में आयोजित की गई। इस सम्मेलन में देश की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की गई और भविष्य की रणनीतियों पर मंथन हुआ। प्रधानमंत्री मोदी का इस बैठक में शामिल होना, देश की सुरक्षा को लेकर उनकी सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।

बिहार को मिला 'मीठा' तोहफा: पूर्णिया में मखाना बोर्ड और विकास की बौछार

पश्चिम बंगाल के बाद प्रधानमंत्री मोदी का अगला पड़ाव बिहार का पूर्णिया है। यह इलाका मिथिला और कोसी क्षेत्र का एक बड़ा केंद्र है, और यहाँ से PM मोदी बिहार को करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे।

बिहार दौरे की सबसे ख़ास बात है राष्ट्रीय मखाना विकास बोर्ड (National Makhana Development Board) के गठन की घोषणा। मखाना इस इलाके की पहचान है और हज़ारों किसानों की आय का मुख्य स्रोत है। मखाना बोर्ड बनने से किसानों को अपनी फसल का बेहतर दाम मिलेगा और मखाने की प्रोसेसिंग और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे यह 'बिहार का सोना' दुनिया भर में अपनी चमक बिखेरेगा।

पूर्णिया की रैली से प्रधानमंत्री मोदी बिहार के विकास के लिए अपने विजन को सामने रखेंगे और कई नई परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। यह दौरा न सिर्फ बिहार के विकास को एक नई गति देगा, बल्कि आने वाले समय की राजनीतिक दिशा भी तय करेगा।