केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कल भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त के कार्यालय 'जनगणना भवन' का उद्घाटन किया. इस मौके पर शाह ने जनगणना प्रक्रिया और मतदाता सूची की जानकारी दी. अमित शाह ने कहा कि सरकार जन्म और मृत्यु से संबंधित डेटा को समग्र विकास प्रक्रिया से जोड़ने के लिए संसद में एक विधेयक (कानून) पेश करने की योजना बना रही है।
शाह ने कहा कि डिजिटल और सटीक जनगणना डेटा के कई अहम फायदें होंगे। जनगणना के आंकड़ों पर आधारित योजना यह सुनिश्चित करती है कि विकास गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचे। शाह ने यह भी कहा कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी को विशेष तरीके से संरक्षित किया जाए तो विकास कार्यों की समुचित योजना बनाई जा सकती है।
अमित शाह ने कहा कि मृत्यु और जन्म के पंजीकरण को मतदाता सूची से जोड़ने के लिए संसद में एक बिल पेश किया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत जब कोई व्यक्ति 18 वर्ष का हो जाता है तो उसका नाम स्वत: मतदाता सूची में शामिल हो जाता है। इसी तरह जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो सूचना स्वत: चुनाव आयोग के पास चली जाएगी, जो मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
तो वहीं, अफसरों ने कहा कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण (आरबीडी) अधिनियम, 1969 में संशोधन करने वाला विधेयक ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जारी करने और लोगों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने जैसे मुद्दों को भी सरल करेगा।
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