
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों" (Next-Gen GST reforms) की जोरदार सराहना करते हुए एक आम आदमी के जीवन पर इसके सकारात्मक प्रभाव का एक बड़ा और सरल उदाहरण पेश किया है। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी सरकार की 'एक राष्ट्र, एक कर' नीति ने आम वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स के बोझ को काफी कम कर दिया है, जिससे सीधे तौर पर मध्यम वर्ग और गरीबों की जेब में पैसा बच रहा है।
उन्होंने एक शर्ट का उदाहरण देते हुए समझाया कि कैसे 2014 से पहले के जटिल टैक्स सिस्टम और आज के सरल GST सिस्टम में जमीन-आसमान का अंतर है।
एक शर्ट, दो टैक्स सिस्टम: जानें कैसे बचा आपका पैसा
प्रधानमंत्री मोदी ने टैक्स प्रणाली के इस बदलाव को समझाने के लिए एक हजार रुपये की शर्ट का उदाहरण दिया:
2014 से पहले (UPA शासन): अगर आप 1,000 रुपये की एक शर्ट खरीदते थे, तो उस पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty), वैट (VAT) और अन्य कई तरह के अप्रत्यक्ष कर लगते थे। इन सभी करों को मिलाकर, एक उपभोक्ता को शर्ट पर लगभग 11.7% का टैक्स देना पड़ता था, यानी ₹117 सिर्फ टैक्स के रूप में जाते थे।
आज (मोदी शासन में GST के बाद): उसी 1,000 रुपये की शर्ट पर अब वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत प्रभावी टैक्स दर सिर्फ 3.5% रह गई है। इसका मतलब आपको टैक्स के रूप में सिर्फ ₹35 देने पड़ते हैं।
इस एक उदाहरण से साफ है कि उपभोक्ता की जेब में सीधे ₹82 की बचत हो रही है।
क्या है यह 'नेक्स्ट-जेन GST'?प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि GST सिर्फ एक टैक्स सुधार नहीं है, बल्कि यह एक निरंतर विकसित होने वाली प्रणाली है, जिसे और अधिक सरल और जन-हितैषी बनाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। 'नेक्स्ट-जेन GST' का लक्ष्य है:
कर का बोझ कम करना: दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुओं को टैक्स के न्यूनतम स्लैब में रखना ताकि आम आदमी पर महंगाई का बोझ कम हो।
'टैक्स पर टैक्स' का खात्मा: GST ने उस पुरानी व्यवस्था को खत्म कर दिया है, जहां लोगों को 'टैक्स पर टैक्स' देना पड़ता था, जिससे चीजें महंगी हो जाती थीं।
एक एकीकृत बाजार: GST ने भारत को एक एकीकृत बाजार बनाकर व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business) को बढ़ावा दिया ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य एक ऐसी कर प्रणाली बनाना है जो पारदर्शी, कुशल हो और देश के आर्थिक विकास को गति दे। शर्ट पर टैक्स में आई यह भारी कमी इसी बड़े बदलाव का एक छोटा सा उदाहरण है, जिसका फायदा देश के करोड़ों नागरिक उठा रहे हैं।