
Up Kiran , Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर सरकार की नीति में आमूलचूल परिवर्तन का संकेत दिया और यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान भारतीय धरती पर अपने 'छिपे और प्रत्यक्ष' आतंकी कृत्यों को जारी रखता है, तो उसके खिलाफ किसी भी कार्रवाई के लिए यह एक नया मानदंड साबित होगा। जैसे ही पीएम मोदी ने भारत के नए सुरक्षा सिद्धांत का अनावरण किया, बीबीसी, वाशिंगटन पोस्ट और अन्य प्रतिष्ठित दैनिकों सहित विश्व मीडिया ने इस पर ध्यान दिया और अपने पहले पन्ने पर इसे बड़े पैमाने पर कवर किया। वैश्विक मीडिया ने अपनी रिपोर्टिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर पीएम मोदी के दावों और इस चेतावनी को भी प्रमुखता से छापा कि भारत अब पड़ोसी देश द्वारा 'परमाणु ब्लैकमेल की धमकियों' को बर्दाश्त नहीं करेगा।
वाशिंगटन पोस्ट ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को शीर्षक दिया कि भारत ने केवल अपनी सैन्य कार्रवाई रोकी है तथा आगे भी जवाबी कार्रवाई की गुंजाइश बनी हुई है।
अमेरिकी दैनिक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारत ने केवल अपनी सैन्य कार्रवाई रोकी है और यदि देश पर आगे कोई हमला होता है तो वह अपनी शर्तों पर जवाब देगा।"
बीबीसी समाचार ने प्रधानमंत्री मोदी के पाकिस्तान को दिए गए सख्त संदेश पर प्रकाश डाला कि "पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते", व्यापार और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, तथा किसी भी आतंकवादी घटना की स्थिति में कड़े जवाब की बात भी कही।
बीबीसी ने प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से कहा, "यह युद्ध का युग नहीं है, लेकिन यह आतंक का युग भी नहीं है।" ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन ने भी प्रधानमंत्री द्वारा कही गई भारत की सैन्य कार्रवाई में 'विराम' पर प्रकाश डाला और यह भी कहा कि पाकिस्तान की हर हरकत पर भारत की नजर थी।
इसमें प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का भी जिक्र किया गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत पाकिस्तान के साथ भविष्य में होने वाले किसी भी संघर्ष में "परमाणु ब्लैकमेल" को बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान के समा टीवी के कवरेज में प्रधानमंत्री मोदी की इस चेतावनी को प्रमुखता से दिखाया गया कि ऑपरेशन सिंदूर 'स्थगित' है और अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
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