
Up Kiran, Digital Desk: बेंगलुरु में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों की सक्रियता ने एक बार फिर महानगरपालिका (बीबीएमपी) के अंदर फैले भ्रष्टाचार को उजागर किया है। पिछले मात्र दो हफ्तों के भीतर, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के आधे दर्जन से अधिक इंजीनियरों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है, जिससे नागरिक निकाय में पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
यह चौंकाने वाला आंकड़ा बीबीएमपी में पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है। लोकायुक्त कार्यालय द्वारा चलाए गए इन अभियानों ने दिखाया है कि कैसे कुछ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। इन लगातार हो रही गिरफ्तारियों से न केवल विभाग की छवि धूमिल हुई है, बल्कि शहर में चल रहे विकास कार्यों और परियोजनाओं में भी देरी और गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को जन्म दिया है।
स्थानीय नागरिकों और विभिन्न संगठनों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों का रिश्वतखोरी में शामिल होना गंभीर मुद्दा है। उनका कहना है कि इस तरह के भ्रष्टाचार से आम जनता को छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी परेशान होना पड़ता है।
प्रशासन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। लोकायुक्त द्वारा की जा रही यह कार्रवाई बीबीएमपी के कामकाज में सुधार और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, लेकिन चुनौती यह है कि क्या यह केवल एक अस्थायी अभियान है या भ्रष्टाचार के गहरे जड़ों को हिलाने में सफल होगा।
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