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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों में माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। विश्व बैंक के ग्लोबल फाइनेंसिंग फैसिलिटी (GFF) द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) और यूनिसेफ (UNICEF) के माध्यम से 48 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई है। यह राशि अगले पांच वर्षों में राज्य के स्वास्थ्य परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस पांच-वर्षीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदायों में माताओं, नवजात शिशुओं, बच्चों और किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाना है। कर्नाटक के कुछ जिलों में अभी भी मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) की चुनौतियां बनी हुई हैं, जिन्हें दूर करने के लिए यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है।

यह सहायता राशि स्वास्थ्य सेवाओं को विभिन्न स्तरों पर मजबूत करने में मदद करेगी - चाहे वह प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल हो, सुविधा-आधारित (अस्पताल) देखभाल हो या समुदाय-आधारित हस्तक्षेप हो। इस पहल में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP), डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों का उपयोग और एक कुशल स्वास्थ्य कार्यबल तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कार्यक्रम के तहत पोषण, टीकाकरण, परिवार नियोजन और किशोर स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी व्यापक सुधार लाने का लक्ष्य रखा गया है।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने इस समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यूनिसेफ कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की प्रमुख नलिनी नेगी ने भी इस सहयोग का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य में वास्तविक बदलाव लाएगा।

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