
Up Kiran, Digital Desk: आँखों का चश्मा आजकल बच्चों के लिए कोई नई बात नहीं रह गई है। जहाँ एक ओर स्क्रीन टाइम का बढ़ता प्रचलन और बदलती जीवनशैली बच्चों में मायोपिया (Myopia) यानी दूर की नज़र कमजोर होना (shortsightedness) जैसी समस्याओं को बढ़ा रही है, वहीं दूसरी ओर एक वैश्विक अध्ययन ने ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) को बच्चों की आँखों के स्वास्थ्य के लिए एक गेम-चेंजर के रूप में प्रस्तुत किया है। यह शोध बताता है कि ओमेगा-3 युक्त आहार बच्चों में आँखों की रोशनी कम होने (myopia development) के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड: आँखों के लिए 'सुपरफूड'
ओमेगा-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (ω-3 PUFAs) ऐसे फैटी एसिड हैं जो हमारा शरीर स्वयं नहीं बना सकता, इसलिए इन्हें आहार (diet) के माध्यम से प्राप्त करना अनिवार्य है। ये मुख्य रूप से मछली के तेल (fish oils) में पाए जाते हैं। अब तक के शोधों से यह अनुमान लगाया गया था कि ओमेगा-3 फैटी एसिड सूखी आँख रोग (dry eye disease) और आयु-संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन (age-related macular degeneration) जैसी पुरानी आँखों की स्थितियों में सुधार या रोकथाम कर सकते हैं। लेकिन, क्या वे बच्चों में मायोपिया को रोकने में भी मदद कर सकते हैं, इस पर स्पष्टता नहीं थी, क्योंकि पूर्व के अध्ययन केवल प्रायोगिक थे और उनमें मानव प्रतिभागी शामिल नहीं थे।
मानव साक्ष्य: ओमेगा-3 और बच्चों की आँखों का सीधा संबंध
चीनी विश्वविद्यालय हांगकांग (Chinese University of Hong Kong) के प्रोफेसर जेसन सी. याम (Prof Jason C Yam) के नेतृत्व में किए गए एक वैश्विक अध्ययन (global study) ने अब इस अंतर को पाटा है। प्रोफेसर याम के अनुसार, "यह अध्ययन मानव साक्ष्य प्रदान करता है कि आहार में ओमेगा-3 PUFA का उच्च सेवन छोटी एक्सियल लेंथ (shorter axial length) और कम मायोपिक रिफ्रैक्शन (less myopic refraction) से जुड़ा हुआ है। यह ओमेगा-3 PUFA को मायोपिया के विकास के खिलाफ एक संभावित सुरक्षात्मक आहार कारक के रूप में उजागर करता है।"
एक्सियल लेंथ (Axial Length): यह आँख की कॉर्निया (सामने) से रेटिना (पीछे) तक की लंबाई का माप है, और यह मायोपिया की प्रगति का एक संकेतक है।
मायोपिक रिफ्रैक्शन (Myopic Refraction): जिसे नज़दीकी दृष्टि दोष (nearsightedness) भी कहा जाता है, यह एक अपवर्तक त्रुटि है जिसमें आँख रेटिना के सामने प्रकाश को केंद्रित करती है, जिससे दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं।
ओमेगा-3 कैसे काम करता है? आँखों को ऑक्सीजन की आपूर्ति
प्रोफेसर याम ने इस संबंध को और स्पष्ट करते हुए बताया, “ओमेगा-3 फैटी एसिड कोरोइड (choroid) के माध्यम से रक्त प्रवाह बढ़ाकर मायोपिया को दबा सकते हैं। कोरोइड आँख की एक रक्त वाहिका परत (vascular layer) है जो पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की डिलीवरी के लिए जिम्मेदार है। इस प्रकार, यह स्क्लेरल हाइपोक्सिया (scleral hypoxia) को रोक सकता है – जो आँख के सफेद भाग में ऑक्सीजन की कमी है और कमज़ोर दृष्टि (shortsightedness) के विकास में एक प्रमुख कारक माना जाता है।"
संतृप्त वसा (Saturated Fats) का खतरा!
शोध में यह भी पाया गया कि संतृप्त वसा (saturated fats) का उच्च सेवन, जो मक्खन, पाम तेल और रेड मीट जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, मायोपिया के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसलिए, जहाँ ओमेगा-3 युक्त आहार को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, वहीं संतृप्त वसा के सेवन को सीमित करना भी बच्चों की आँखों के स्वास्थ्य (eye health) के लिए आवश्यक है।
माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण संदेश:
यह अध्ययन उन सभी माता-पिता के लिए एक अमूल्य मार्गदर्शिका है जो अपने बच्चों की आँखों को स्वस्थ रखना चाहते हैं। बच्चों के खान-पान (diet) में फैटी फिश (fatty fish) जैसे सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन, और अलसी के बीज, चिया बीज, अखरोट जैसे ओमेगा-3 के समृद्ध स्रोतों को शामिल करना, न केवल उनके समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि उनकी दृष्टि (vision) को भी सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।
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