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Up Kiran,Digital Desk: नगर निगम संपत्ति कर वसूली के निर्धारित लक्ष्य से पीछे रह गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में वसूली का लक्ष्य 18.15 करोड़ रुपए था, लेकिन निगम 31 मार्च 2025 तक सिर्फ 15.65 करोड़ रुपए ही वसूल पाया। अब भी 19 हजार 867 डिफॉल्टर इकाइयों से करीब ढाई करोड़ रुपए की राशि बकाया है, जिसे वसूलने में नगर निगम कर्मचारियों की भूमिका सामने आई।

लक्ष्य हासिल करने के लिए निगम ने बकाएदारों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। निगम की संपत्तिकर शाखा के सभी निरीक्षक और लिपिक अपने-अपने जोन में जाकर कर न चुकाने वालों को नोटिस भेज रहे हैं। नगर आयुक्त के आदेश पर लिपिकों को निरीक्षक का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है, ताकि वसूली कार्य में तेजी लाई जा सके।

गौर करने वाली बात यह है कि जिन लोगों ने कर का भुगतान नहीं किया है, उनमें 12,681 आवासीय इकाइयां और 7,186 वाणिज्यिक इकाइयां हैं। अब डिफॉल्टरों को बकाया राशि पर 20 प्रतिशत जुर्माना और 18 प्रतिशत ब्याज देना होगा। वहीं अगर कोई 2025-26 के लिए समय पर टैक्स चुकाता है तो उसे 10 फीसदी की छूट भी मिलेगी।

दूसरी ओर, बठिंडा शहर में कुल 95,429 इकाइयां हैं, जिनमें से 47,454 इकाइयों पर कर लागू है। अब तक 27,587 इकाइयों ने कर जमा कर दिया है, जबकि 19,867 इकाइयों ने अभी तक कर का भुगतान नहीं किया है। नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार करीब 40-50 फीसदी व्यावसायिक इकाइयां और 10-12 हजार आवासीय इकाइयां पिछले 15 वर्षों से नियमित रूप से कर का भुगतान नहीं कर रही हैं। इस बार निगम ने निर्णय लिया है कि बकाया राशि लाखों में होने पर बड़ी व्यावसायिक इकाइयों के विरुद्ध भी सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।

इस संबंध में अधीक्षक प्रदीप मित्तल ने बताया कि जिन लोगों ने 2013 से 2025 तक टैक्स नहीं भरा है, उन्हें अब 20 प्रतिशत पेनाल्टी और बकाया राशि पर 18 प्रतिशत ब्याज देना होगा। जल्द ही बड़े बकाएदारों के विरुद्ध सीलिंग जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी। निगम की संपत्ति शाखा फील्ड में जाकर वसूली अभियान चला रही है, ताकि 30 अप्रैल तक बकाया वसूली का लक्ष्य हासिल किया जा सके।

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