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नई दिल्ली: वक्फ संशोधन कानून को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को खत्म करने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने बड़ा अभियान शुरू किया है। मंच की योजना है कि देशभर में 500 से अधिक स्थानों पर सभाएं और संवाद आयोजित किए जाएं, जिसमें गांव, शहर और मोहल्लों को शामिल किया जाएगा। साथ ही, मंच देशभर में 100 से ज्यादा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा और घर-घर जाकर लोगों को इस कानून के वास्तविक उद्देश्यों के बारे में जानकारी देगा।

मुस्लिम समुदाय को बताया जाएगा कानून का लाभ

मंच के राष्ट्रीय संयोजक विराग पाचपोर ने जानकारी दी कि जहां भी मुस्लिम बस्तियां हैं, वहां मंच की टीम पहुंचकर लोगों को यह बताएगी कि यह कानून समुदाय के आत्मसम्मान, न्याय और समानता को मजबूत करता है। उनका कहना है कि यह कानून मुस्लिम समाज के हित में है, और इसे गलत ढंग से पेश किया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल में विशेष अभियान की तैयारी

विराग पाचपोर ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की टीम पश्चिम बंगाल में भी जाएगी, जहां इस कानून को लेकर भ्रम अधिक फैला हुआ है। वहां सेमिनार, सभाएं और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मुस्लिम समाज को सच्चाई से अवगत कराया जाएगा।

राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित विरोध पर प्रतिक्रिया

मंच का मानना है कि पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून को लेकर हो रहे विरोध पूरी तरह से राजनीतिक प्रेरित हैं। कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को बताएंगे कि यह कानून किसी धार्मिक दखल का हिस्सा नहीं है बल्कि समाज में पारदर्शिता लाने के लिए है।

ऐतिहासिक कानून और सामाजिक संवाद की पहल

विराग पाचपोर ने इसे एक ऐतिहासिक कानून बताया है। उन्होंने कहा कि मंच इसे सामाजिक जिम्मेदारी मानते हुए जन संवाद की पहल कर रहा है। गली-गली और घर-घर जाकर यह बताया जाएगा कि यह कानून मुस्लिम समाज के लिए नुकसानदायक नहीं बल्कि फायदेमंद है।

राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान—जिसमें उन्होंने दावा किया कि RSS अब ईसाई और सिखों की संपत्तियों पर भी नजर रखे हुए है—को लेकर विराग पाचपोर ने कहा कि यह बयान गंभीरता से लेने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कानून सरकार की पहल है, इसका संघ से कोई लेना-देना नहीं है। राहुल गांधी का संघ को हर विषय में घसीटना उनकी आदत बन गई है।

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