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Up Kiran, Digital News: रविवार की दोपहर को हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र से एक ऐसी खबर आई जिसने न केवल इलाके को हिला दिया बल्कि हर दिल को दहला दिया। भगत सिंह चौक और सेक्टर-2 बैरियर के बीच रेलवे ट्रैक पर एक महिला और पुरुष के क्षत-विक्षत शव मिले जिससे सनसनी फैल गई।
यह घटना जो कुछ ही देर पहले एक सामान्य दिन की तरह लग रही थी अचानक एक रहस्य बन गई है। क्या यह आत्महत्या का मामला है या इसके पीछे कुछ और छिपा हुआ है इस लेख में हम इस मामले पर गौर करेंगे और संभावित कारणों की तलाश करेंगे।
जानें पूरा मामला
घटना रविवार दोपहर करीब 12:30 बजे की है जब तेज़ रफ्तार ट्रेन के गुजरने के बाद स्थानीय लोगों ने पटरी पर दो शव पड़े हुए देखे। पहली बार में यह दृश्य विचलित करने वाला था। शवों के पास न कोई पहचान पत्र था और न ही कोई सुसाइड नोट जिससे पुलिस को जांच में मुश्किल हो रही थी।
सभी घटनाओं की शुरुआत बेहद चौंकाने वाली थी – क्यों दो लोग अचानक अपने जीवन की आख़िरी यात्रा पर निकल पड़े और यह भी क्या ये दोनों एक-दूसरे के साथ थे।
पुलिस के आत्महत्या का शक
स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालांकि इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह आत्महत्या थी या कुछ और पुलिस ने शुरुआत में इसे आत्महत्या का मामला माना है लेकिन साथ ही सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच भी शुरू कर दी है।
क्या यह दोनों मानसिक तनाव या सामाजिक दबाव से परेशान थे या फिर यह घटना एक दूसरे के प्रति प्यार और साथ रहने की इच्छा का परिणाम हो सकती है
रेलवे ट्रैक पर मिले शवों का मलबा बिना किसी पहचान पत्र के एक बड़ी पहेली बन गया है। स्थानीय पुलिस को अब यह पहचानना जरूरी होगा कि मृतक कौन हैं और क्या वे एक-दूसरे के जानने वाले थे ऐसे मामलों में अक्सर यह देखा जाता है कि जब दो लोग एक साथ किसी खतरनाक कदम को उठाते हैं तो उनके बीच एक मजबूत रिश्ता होता है जिसे लोग आमतौर पर प्यार या नजदीकी संबंधों के रूप में पहचानते हैं।
लेकिन क्या यह सिर्फ एक सामान्य आत्महत्या का मामला है या इसके पीछे कुछ और कारण हो सकता है क्या ये दोनों शारीरिक या मानसिक रूप से कुछ हद तक प्रभावित थे जो उन्हें इस खतरनाक कदम तक ले गया।
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