img

JPC: केंद्र सरकार ने बहुचर्चित 'एक देश-एक चुनाव' बिल कल (17 तारीख) संसद में पेश किया। इस बिल पर संसद में जमकर हंगामा हुआ। भारत अघाड़ी ने इस बिल का विरोध किया है। इस बीच, सरकार ने विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जेपीसी का गठन करेंगे। कांग्रेस ने इस जेपी के लिए अपने चार नेताओं के नाम तय कर लिए हैं। ये नाम जल्द ही लोकसभा अध्यक्ष को भेजे जाएंगे।

राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को एक साथ लाकर एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाता है। यह समिति किसी भी मुद्दे या विधेयक की गहन समीक्षा करती है और एक रिपोर्ट तैयार करती है। इसके बाद ही इसे शासन को भेजा जाता है।

कांग्रेस के 4 नाम तय

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस ने मनीष तिवारी, प्रियंका गांधी, सुखदेव भगत और रणदीप सुरजेवाला का नाम फाइनल कर लिया है। पार्टी अपने कोटे से ये नाम जेपीसी को भेजेगी। यानी ये चारों नेता जेपीसी में वन नेशन-वन इलेक्शन पर कांग्रेस का मुद्दा उठाएंगे।

भारत गठबंधन से कौन से नेता जाएंगे?

जेपीसी में डीएमके के पी विल्सन को मौका मिल सकता है। विल्सन एक मशहूर वकील हैं। विल्सन के अलावा डीएमके सांसद टी सेल्वगेथी का नाम भी जेपीसी समिति को भेजा जा सकता है। तो वहीं इस कमेटी में सपा के धर्मेंद्र यादव भी शामिल हो सकते हैं। सपा की ओर से धर्मेंद्र यादव ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर अपना पक्ष रखा था। तो, कल्याण बनर्जी और साकेत गोखले टीएमसी का प्रतिनिधित्व करेंगे।

जेपीसी में कितने सदस्य हो सकते हैं?

जेपीसी में सदस्यों की संख्या लोकसभा अध्यक्ष द्वारा निर्धारित की जाती है। इस समिति में राज्यसभा और लोकसभा दोनों के सदस्य शामिल होते हैं। आम तौर पर लोकसभा में राज्यसभा सदस्यों की तुलना में दोगुने सदस्य होते हैं। जेपीसी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार संशोधित बिल सदन में पेश करती है। 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' विधेयक एक संवैधानिक संशोधन है, जिसके लिए सरकार को विशेष बहुमत की आवश्यकता है। यही वजह है कि सरकार जेपीसी के जरिए इस पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है।

--Advertisement--