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Natural Disaster: भारत के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थित बन गई है। सड़कों पर पानी भर गया है और तेज बहाव से सड़कें और गाड़ियाँ बह रही हैं। इस तरह की प्राकृतिक आपदा से वाहन क्षति की भरपाई केवल तभी हो सकती है जब मोटर इंश्योरेंस लेते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा गया हो।

वाहन इंश्योरेंस लेते समय चोरी या टूट-फूट के अलावा यह भी देख लें कि आपका इंश्योरेंस बारिश या बाढ़ जैसी आपदाओं से हुए नुकसान को कवर करता है। विशेष रूप से, कार बीमा में भारी इंजन कवर शामिल होना चाहिए, क्योंकि इंजन सीज होने को हाइड्रोस्टेटिक लॉक कहा जाता है और बीमा कंपनियां इसे हादसे की श्रेणी में रखकर क्लेम देने से इंकार कर सकती हैं।

ऐसे करें इंश्योरेंस क्लेम

  • अपने पॉलिसी नंबर का इस्तेमाल कर बीमा कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर क्लेम रजिस्टर करें।
  • कंपनी की वेबसाइट से क्लेम फॉर्म डाउनलोड कर भरें और सभी जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ सबमिट करें।
  • क्लेम अप्लाई करने के बाद कंपनी सर्वेयर या वीडियो सर्वे के माध्यम से वाहन की जांच करेगी।
  • सर्वे पूरा होने पर बीमा कर्मचारी अपनी रिपोर्ट फाइल करेगा, जिसके बाद आपका बीमा क्लेम मिल जाएगा।

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