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Up Kiran, Digital Desk: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश इस वक्त प्रकृति के भीषण कहर का सामना कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने इस खूबसूरत राज्य में तबाही मचा दी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 37 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, जो अगले कुछ घंटों में और भारी बारिश का संकेत दे रहा है। यह चेतावनी राज्य के लिए और भी चिंता का विषय है, क्योंकि पहले ही पूरा जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।

जगह-जगह भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने सड़कों को काट दिया है, जिससे कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी आवाजाही ठप है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे आम लोगों की ज़िंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है। कई गांवों और कस्बों में लोग बिना बिजली-पानी के रहने को मजबूर हैं।

नदियाँ और नाले उफान पर हैं, और उनका बहाव इतना तेज है कि वे अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को बहा ले जा रहे हैं। प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की लगातार अपील कर रहा है और निचली बस्तियों को खाली कराया जा रहा है।

राज्य सरकार पूरी तरह अलर्ट पर है और आपदा राहत टीमें युद्धस्तर पर बचाव कार्यों में जुटी हैं। फंसे हुए लोगों को निकालने और प्रभावित इलाकों तक मदद पहुंचाने का काम जारी है। यह मुश्किल समय है, और प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी एकजुट होकर इस आपदा से निपटने की ज़रूरत है। सभी से अपील है कि वे सुरक्षित रहें और मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें।

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