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मोदी सरकार के अध्यादेश का सपोर्ट करने के मामले में एक ओर जहां राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस आम आदमी पार्टी का समर्थन कर रही है। वहीं पंजाब प्रदेश कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। इस सुगबुगाहट के बीच पंजाब कांग्रेस से अलग राह अपनाते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नेता नवजोत सिंह सिद्धू केजरीवाल के साथ आए हैं।
इसी मामले पर कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप बाजवा ने पार्टी चीफ खड़गे से मुलाकात का वक्त मांग लिया है। उन्होंने दिल्ली ऑर्डिनेंस पर कांग्रेस के स्टैंड को लेकर अपनी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर चुने हुए नुमाइंदों को अपनी कठपुतली नहीं बना सकते हैं। पटियाला में मीडिया से बातचीत में नवजोत सिद्धू ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी के साथ जाने के सख्त खिलाफ है, मगर यह किसी भी चुनी हुई सरकार की संवैधानिक शक्तियों का मामला है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर चुने हुए नुमाइंदों को अपनी कठपुतली नहीं बना सकते। दोनों इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को गुलाम नहीं बना सकते। किसी भी चुनी हुई सरकार को हिदायत नहीं दे सकते। उन्होंने केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में कहा कि अगर ये सरकार रही तो देश नहीं रहेगा, देश का लोकतंत्र नहीं रहेगा।