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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, दो प्रमुख नक्सली कमांडरों ने पुलिस महानिदेशक (DGP) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। यह नक्सली दंपति कोंडांडा उर्फ किरण और उनकी पत्नी निर्मला उर्फ भारती हैं। उन्होंने सोमवार को मंगलागिरी स्थित डीजीपी कार्यालय में डीजीपी केवी राजेंद्रनाथ रेड्डी के सामने आत्मसमर्पण किया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह दंपति अपनी गिरती सेहत और नक्सली विचारधारा से मोहभंग होने के कारण मुख्यधारा में लौटना चाहता था। उन्होंने सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाने की इच्छा व्यक्त की।

कोंडांडा, जिसे किरण या बलराज के नाम से भी जाना जाता है, भाकपा (माओवादी) उत्तर उप-क्षेत्र समिति का एक प्रमुख सदस्य था। वह 2004 में इस संगठन में शामिल हुआ था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह हत्या, आगजनी और बारूदी सुरंग विस्फोटों सहित कई गंभीर अपराधों में शामिल रहा है।

उसकी पत्नी निर्मला उर्फ भारती या सुधा, भाकपा (माओवादी) गुंटूर-प्रकाशम डिवीजनल कमेटी की सदस्य थी। वह 2005 में संगठन से जुड़ी थी और कई अपराधों में शामिल पाई गई थी।

DGP केवी राजेंद्रनाथ रेड्डी ने दंपति के आत्मसमर्पण का स्वागत किया। उन्होंने अन्य नक्सलियों से भी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की। DGP ने बताया कि आंध्र प्रदेश सरकार की एक व्यापक पुनर्वास नीति है, जो आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सामान्य जीवन जीने में मदद करती है।

 इस नीति के तहत वित्तीय सहायता, जमीन, घर, बच्चों की शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

पुलिस के लगातार दबाव और अभियानों के चलते राज्य में नक्सलियों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। यह आत्मसमर्पण आंध्र प्रदेश में नक्सली आंदोलन के कमजोर पड़ने का एक और संकेत है।

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