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Up Kiran, Digital Desk: क्या एक ज़िंदगी की कीमत इतनी सस्ती हो गई है कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी को मामूली समझा जाए? रायबरेली ज़िले से आई यह घटना दिल दहला देने वाली है, जहां बिजली विभाग की कथित अनदेखी ने एक और कर्मचारी की जान ले ली। सलोन कोतवाली क्षेत्र के विजवलिया फीडर में 11 हज़ार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन पर काम करते समय लाइनमैन गुड्डू की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई।

यह हादसा न केवल सिस्टम की असंवेदनशीलता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कर्मचारियों की सुरक्षा अब भी कई विभागों के लिए प्राथमिकता नहीं बन पाई है।

बिना सुरक्षा उपकरण के खंभे पर चढ़ा था लाइनमैन

गुड्डू, जो कि बिजली विभाग में लाइनमैन के पद पर कार्यरत था, विजवलिया फीडर में खराब बिजली लाइन की मरम्मत के लिए पोल पर चढ़ा था। लेकिन हैरान करने वाली बात यह रही कि उसने न तो हेलमेट पहना था, न दस्ताने और न ही कोई अन्य सेफ्टी गियर। ऐसे में जब लाइन में अचानक करंट दौड़ा, तो वह उसकी चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

हादसे के बाद नहीं पहुंची विभागीय टीम, भड़के ग्रामीण

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग को सूचना दी, लेकिन अफसोस कि घंटों तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी या टीम मौके पर नहीं पहुंची। इस लापरवाही से आक्रोशित ग्रामीणों ने विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसी चूक जानलेवा साबित हुई हो।

सुरक्षा इंतज़ाम सिर्फ कागज़ों तक सीमित?

स्थानीय निवासियों ने बताया कि लाइनमैनों को विभाग न तो पर्याप्त सुरक्षा किट मुहैया कराता है और न ही नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है। वहीं, अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होती है कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी कर्मचारी बिना सुरक्षात्मक उपायों के फील्ड में काम न करे—but ground reality कुछ और ही बयां कर रही है।

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि विभाग की इसी ढिलाई के चलते पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन किसी भी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

 

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