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Up Kiran, Digital Desk: सोमवार को काठमांडू में एक विशाल विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें मुख्य रूप से जेनरेशन Z के युवा नेता थे। इस प्रदर्शन का कारण नेपाल सरकार द्वारा फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और स्नैपचैट जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध थे। हजारों युवा काठमांडू के मैतीघर में इकट्ठा हुए और अपने विरोध का इजहार किया।
प्रदर्शनकारियों का संसद में घुसने का प्रयास, पुलिस का कड़ा जवाब
स्थिति उस समय और बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुसने की कोशिश करने लगे। इसका पुलिस ने आक्रामक तरीके से जवाब दिया, और आंसू गैस, पानी की बौछारें और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया।
भारत ने भी बढ़ाई सुरक्षा, सीमा पर तैनात किए अतिरिक्त जवान
नेपाल में बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया। भारतीय सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने नेपाल से सटी सीमा पर निगरानी बढ़ा दी और अतिरिक्त जवानों की तैनाती की। भारत सरकार सतर्कता बनाए रखने के लिए कदम उठा रही है।
सोशल मीडिया प्रतिबंध के पीछे की वजह
नेपाल सरकार ने पहले फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। कारण बताया गया कि इन प्लेटफॉर्म्स ने निर्धारित समय सीमा के भीतर नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में पंजीकरण नहीं कराया था।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष, शहर में फैलती अशांति
काठमांडू में इस प्रतिबंध के खिलाफ युवा वर्ग में गुस्सा फूट पड़ा। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। कई स्थानों पर आगजनी और पथराव की घटनाएं भी हुईं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए।
हिंसा के कारण बढ़ी पुलिस तैनाती, कई लोगों की मौत
नतीजतन, विरोध प्रदर्शनों में हिंसा फैलने से 14 लोगों की मौत हो गई और 42 से अधिक घायल हो गए। इस घटना ने काठमांडू में तनाव की स्थिति पैदा कर दी, जिसके बाद राजधानी में सुरक्षा को और कड़ा किया गया है।
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