Up Kiran, Digital Desk: समाज में पड़ोसियों पर भरोसा कितना खतरनाक साबित हो सकता है? उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक ऐसी वारदात हुई जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। यहां एक युवक ने अपनी जान-पहचान वाली महिलाओं की जान ले ली सिर्फ इसलिए ताकि वह अपनी प्रेमिका के दिल में जगह बना सके और उसके परिवार की आर्थिक मुश्किलें दूर कर सके। इस घटना ने सवाल उठाए हैं कि करीबी रिश्तों में छिपी मंशाएं कैसे तबाही मचा सकती हैं।
करीबी रिश्ते का दुरुपयोग
शाहपुर इलाके के घोसीपुरवा में रहने वाली 75 वर्षीय शांति जायसवाल और उनकी 50 साल की बेटी विमला जायसवाल घर पर अकेली थीं। परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं था। मोहल्ले का एक युवक उनके साथ घुलमिल गया था। वह विमला को बुआ कहकर बुलाता था और विमला उसे भतीजे की तरह देखती थीं। दोनों अक्सर साथ बैठकर मदिरा का सेवन करते थे। यह सिलसिला लंबे समय से जारी था। युवक को घर की हर बात पता थी जैसे गहने कहां रखे हैं और नकदी का ठिकाना क्या है। उसकी आंखें इन चीजों पर टिकी हुई थीं।
प्रेम और पैसे की अंधी दौड़
युवक की जिंदगी में एक प्रेमिका थी जिससे वह बेहद मोहब्बत करता था। प्रेमिका ने उसे अपने पिता के भारी कर्ज के बारे में बताया। युवक ने सोचा कि अगर वह इस समस्या को हल कर देगा तो प्रेमिका का दिल जीत लेगा। इसी सोच में वह चरम कदम उठाने को तैयार हो गया। उसने योजना बनाई कि विमला के घर से सामान चुराकर पैसा जुटाएगा। 23 नवंबर की रात वह मदिरा की बोतल लेकर पहुंचा। दोनों ने साथ पी लेकिन विमला पर असर नहीं हुआ। योजना बिगड़ती देख युवक ने कमरे में पड़े हथौड़े से विमला पर हमला कर दिया और उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
शोर सुनकर बगल के कमरे में सो रही शांति जायसवाल जाग गईं और पूछने लगीं कि क्या हुआ। युवक ने उन पर भी प्रहार कर जान ले ली। फिर घर से नकदी और गहने लेकर चुपचाप अपने घर लौट गया और सो गया। अगले दिन वह शहर घूमता रहा। प्रेमिका से मिला और उसे महंगा फोन तोहफे में दिया। घरवालों को कुछ रकम दी और प्रेमिका के पिता को कर्ज चुकाने के लिए पैसे सौंपे। इस तरह वह अपनी योजना को अमल में लाया लेकिन अपराध की छाया लंबे समय तक नहीं छिपी।
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