Up Kiran, Digital Desk: बिहार की सियासत इन दिनों फिर उबाल पर है। नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं लेकिन असली सवाल यह है कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले उपमुख्यमंत्री कितने होंगे और सबसे बड़ी बात ये कि वे कौन होंगे। गलियारों में चर्चा है कि भाजपा इस बार भी दो डिप्टी सीएम चाहती है लेकिन पुराने चेहरों सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को दोहराएगी या नया दांव खेलेगी, यह अभी पक्का नहीं है।
सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी इस बार एक राजपूत चेहरा आगे ला सकती है। अगर नीतीश और भाजपा तीन डिप्टी सीएम रखने पर सहमत हो जाते हैं तो चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को भी एक मौका मिल सकता है। याद कीजिए चुनाव प्रचार के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने तारापुर में सम्राट चौधरी को और लखीसराय में विजय सिन्हा को “बड़ा आदमी” बनाने का खुला वादा किया था। अब देखना यह है कि वह वादा कैसे पूरा होता है।
सवर्ण वोटों का नया गणित
पिछली नीतीश सरकार में दोनों डिप्टी सीएम कोइरी और भूमिहार थे लेकिन दोनों अंग क्षेत्र से ही आते थे। इस बार तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। एनडीए के खाते में सवर्णों के 70 विधायक आए हैं। इनमें भाजपा के 42, जदयू के 18, लोजपा के 7, रालोमो के 2 और हम का 1 विधायक शामिल है। जाति के लिहाज से देखें तो 32 राजपूत और 22 भूमिहार सबसे आगे हैं। भाजपा अकेले 19 राजपूत और 12 भूमिहार विधायक जीतकर लाई है जबकि जदयू के पास 7 राजपूत और 7 भूमिहार हैं। चिराग की पार्टी के 19 में से भी 5 विधायक राजपूत हैं।
इन आंकड़ों को देखते हुए कई लोग मान रहे हैं कि एक डिप्टी सीएम का पद सवर्ण खासकर राजपूत समाज को मिलना तय है। चुनाव से पहले राजीव प्रताप रूडी खुलकर ठाकुरों की हिस्सेदारी की बात कर रहे थे। अब लगता है उनकी बात पर मुहर लगने वाली है।
दलित कार्ड भी तैयार
राजपूत 32 विधायकों के साथ सबसे बड़े सवर्ण समूह हैं लेकिन दलित विधायक उनसे भी आगे हैं। एनडीए के पास कुल 35 दलित विधायक हैं। जदयू के 14, भाजपा के 12, लोजपा के 5 और हम के 4। अगर नीतीश और भाजपा दलितों को कोई बड़ा पद देना चाहें तो चिराग पासवान के लिए भी दरवाजा खुल सकता है। हालांकि जरूरी नहीं कि दलित डिप्टी सीएम चिराग की पार्टी से ही हो।
क्षेत्रीय संतुलन भी अहम होगा। शाहाबाद, मिथिला, चंपारण, तिरहुत, सीमांचल, कोसी और मगध हर क्षेत्र में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया है। हो सकता है कि जिन इलाकों को पिछली सरकार में डिप्टी सीएम का मौका नहीं मिला था इस बार उन्हें तरजीह दी जाए।
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