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देश के सबसे प्रमुख सरकारी अस्पतालों में से एक, दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है एक ऐसी सुविधा जो मरीजों की परेशानियों को काफी हद तक कम करने जा रही है। अब मरीजों को एडमिशन या इलाज से जुड़ी जानकारी पाने के लिए बार-बार अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने होंगे। एम्स ने एक नया ऑनलाइन डैशबोर्ड लॉन्च किया है, जिससे जरूरी जानकारियां घर बैठे एक क्लिक में मिल सकेंगी।

एम्स की पहचान: देश का भरोसेमंद अस्पताल
एम्स दिल्ली को देशभर में उच्च स्तरीय इलाज के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि यहां इलाज के लिए हर दिन हजारों मरीज आते हैं। इस भारी भीड़ के कारण कई बार मरीजों को जांच, सर्जरी या सामान्य ओपीडी सेवाओं के लिए महीनों या सालों तक इंतजार करना पड़ता है। सरकार और एम्स प्रशासन ने इस भीड़ को नियंत्रित करने और मरीजों को सटीक जानकारी समय पर देने के लिए इस नए डिजिटल समाधान की पहल की है।

डैशबोर्ड की विशेषताएं: जानिए आपको क्या मिलेगा
इस नए ऑनलाइन डैशबोर्ड की सबसे बड़ी खासियत है इसकी रीयल टाइम जानकारी। मरीज अब किसी भी समय यह देख सकेंगे कि अस्पताल में किस विभाग में कितनी वेटिंग है, कौन से टेस्ट्स के लिए लाइनें लंबी हैं, और बेड की उपलब्धता क्या है। फिलहाल इस डैशबोर्ड पर ट्रॉमा सेंटर, इमरजेंसी, विश्राम सदन और ई-हॉस्पिटल से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।

हालांकि यह सेवा अभी ट्रायल फेज में है, लेकिन एम्स प्रशासन का कहना है कि आने वाले दिनों में इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। भविष्य में मरीज सर्जरी और जांच जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल प्रक्रियाओं की वेटिंग लिस्ट भी इसी डैशबोर्ड पर देख सकेंगे।

बुनियादी टेस्ट्स के लिए भी लंबा इंतजार
एम्स जैसे बड़े अस्पताल में इलाज के लिए हर दिन देशभर से हजारों मरीज पहुंचते हैं। इसकी वजह से अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी जरूरी जांचों के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है। कई बार इनकी वेटिंग लिस्ट दो साल तक पहुंच जाती है। ओपीडी में पंजीकरण के बाद भी, मरीजों को प्रोसीजर या टेस्ट के लिए कई महीनों तक इंतजार करना पड़ता है।

उदाहरण के तौर पर, ईएनटी सर्जरी के लिए तीन साल तक का वेटिंग पीरियड है, ऑर्थोपेडिक सर्जरी के लिए दो साल और न्यूरोसर्जरी के लिए लगभग डेढ़ साल तक। हार्ट सर्जरी की बात करें तो, कई मरीजों को सालों इंतजार करना पड़ता है।

डिजिटल डैशबोर्ड से राहत की उम्मीद
इस डैशबोर्ड के जरिए एम्स प्रशासन इन सभी समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। अब मरीज ओपीडी में आने से पहले ही देख सकते हैं कि कितनी भीड़ है, कौन-से टेस्ट्स में कितना इंतजार है, और उन्हें किन विभागों में कब अपॉइंटमेंट मिल सकता है। यह न केवल मरीजों का समय बचाएगा, बल्कि अस्पताल की भीड़भाड़ को भी कुछ हद तक नियंत्रित करेगा।

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