img

Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की समस्या समय की एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। यह सिर्फ दिल्ली में नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अन्य शहरों में भी देखा जाता है। इस मुद्दे को हल करने के लिए केंद्र सरकार लगातार नई योजनाओं पर काम कर रही है और अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। उनकी योजना दिल्ली से गुरुग्राम तक टनल रोड बनाने की है जो शहरों के बीच ट्रैफिक को कम करने और यात्रा के समय को बहुत हद तक घटाने का दावा करती है।

टनल रोड की रूपरेखा और उद्देश्य

गडकरी ने हाल ही में बताया कि इस प्रस्तावित टनल का निर्माण दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से शुरू होकर गुरुग्राम तक होगा। दिल्ली और गुरुग्राम के बीच की यात्रा में समय की भारी बर्बादी होती है खासकर उन लाखों लोगों के लिए जो रोजाना ऑफिस और अन्य कामकाजी उद्देश्यों के लिए इस मार्ग का उपयोग करते हैं। यह नई योजना इन समस्याओं को कम करने का एक प्रयास है।

यात्रा के समय में बदलाव

आज के समय में दिल्ली से गुरुग्राम तक जाने में करीब एक घंटा लगता है मगर इस टनल के निर्माण के बाद यात्रा में समय की बहुत बचत होने की संभावना जताई जा रही है। गडकरी का कहना है कि यह टनल पूरी तरह से तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय महज 15 मिनट रह जाएगा। इससे न केवल यात्री समय की बचत करेंगे बल्कि जाम से होने वाली परेशानी से भी निजात पाएंगे।

परिवहन मंत्रालय का बड़ा बजट और संभावित प्रभाव

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने भारी निवेश का निर्णय लिया है और दिल्ली के लिए परिवहन मंत्रालय के पास लगभग 30000 से 40000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। गडकरी ने इस परियोजना को लेकर अध्ययन शुरू कर दिया है और कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक में कमी लाना यात्रा का समय घटाना और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है।

हालांकि इस योजना के पूरा होने से पहले भी कई सवाल खड़े होते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस तरह की टनल बनाने से जाम की समस्या पूरी तरह से हल हो पाएगी? क्या यह कदम ट्रैफिक के दबाव को कम कर सकेगा या फिर यह और जटिलताएँ पैदा करेगा? इसके अलावा इस परियोजना से जुड़े पर्यावरणीय और वित्तीय पहलुओं पर भी विचार करने की जरूरत है।

क्या यह कदम ट्रैफिक और प्रदूषण को नियंत्रित कर पाएगा?

इस टनल रोड की योजना यदि सफल होती है तो यह दिल्ली-गुरुग्राम यात्रा करने वाले लाखों लोगों के लिए एक राहत का कारण बन सकती है। इसके साथ ही यह वायु प्रदूषण की समस्या पर भी काबू पाने में मददगार साबित हो सकती है क्योंकि इसमें वाहनों के प्रदूषण के उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है।

मगर इसके प्रभावों का आकलन तब तक करना कठिन है जब तक यह परियोजना पूरी नहीं हो जाती। ट्रैफिक कम करने के लिए एक मात्र उपाय के रूप में इसे देखना शायद जल्दबाजी होगी। हमें यह समझना होगा कि परिवहन प्रणाली के सुधार के लिए और भी कई पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है।

 

--Advertisement--