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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय रेलवे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। जल्द ही देश के सात प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित 'चेहरे की पहचान प्रणाली' (Facial Recognition System) स्थापित की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना, अपराधियों की पहचान करना और लापता व्यक्तियों का पता लगाना है, जिससे रेलवे परिसर को और भी सुरक्षित बनाया जा सके।

कैसे काम करेगी यह अत्याधुनिक AI प्रणाली?

यह अत्याधुनिक प्रणाली रेलवे स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से मिलने वाले वीडियो फुटेज का लगातार विश्लेषण करेगी। यह तकनीक अपने डेटाबेस में मौजूद अपराधियों, संदिग्धों या लापता व्यक्तियों के चेहरों से लाइव फुटेज का मिलान करेगी। जैसे ही कोई ऐसा व्यक्ति कैमरे की जद में आएगा, सिस्टम तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट भेज देगा।

यह सिर्फ अपराधियों को पकड़ने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रणाली लापता बच्चों या वयस्कों को ढूंढने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह उनके चेहरे की पहचान कर संबंधित अधिकारियों को सूचित करेगी, जिससे उन्हें जल्द से जल्द उनके परिवारों तक पहुंचाया जा सके। रियल-टाइम निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया से रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं ज्यादा पुख्ता हो जाएगी।

शुरुआती चरण में इन 7 स्टेशनों पर होगी शुरुआत:

रेलवे अधिकारियों ने शुरुआती चरण के लिए देश के सात महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों की पहचान की है, जहाँ इस AI-आधारित सुरक्षा प्रणाली को स्थापित किया जाएगा:

मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT)

नागपुर

नाशिक रोड

पुणे

वडोदरा

अहमदाबाद

गांधीनगर कैपिटल

ये सभी स्टेशन यात्रियों की भारी भीड़ और रणनीतिक महत्व के कारण चुने गए हैं, जहाँ सुरक्षा को बढ़ाना प्राथमिकता है।

सुरक्षा और सुविधा का संगम:

इस पहल से उम्मीद है कि रेलवे स्टेशनों पर अपराध दर में कमी आएगी और सुरक्षा एजेंसियों को अपना काम अधिक कुशलता से करने में मदद मिलेगी। यह भारतीय रेलवे के 'डिजिटल इंडिया' और 'स्मार्ट गवर्नेंस' की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो यात्रियों को एक सुरक्षित और भयमुक्त यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। भारतीय रेलवे लगातार आधुनिक तकनीक का उपयोग कर यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है।

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