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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, नीतीश सरकार एक के बाद एक नीतिगत फैसले ले रही है। मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा में रहा किसान सलाहकारों के मानदेय में बढ़ोतरी और राशन डीलरों के कमीशन में इज़ाफा।
बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की, जिसमें कुल 26 एजेंडों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों को सरकार की "फील-गुड" रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जो सीधे-सीधे जमीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों को राहत देने वाले हैं।
अब किसान सलाहकारों को मिलेगा 21000 रुपये मानदेय
राज्य के किसान सलाहकार, जो पहले 13,000 रुपये मासिक मानदेय पर काम करते थे, अब उन्हें 8,000 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 21,000 रुपये मिलेंगे। यह बढ़ा हुआ भुगतान 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। इस फैसले से 7047 किसान सलाहकारों को सीधा लाभ मिलेगा।
लेकिन सिर्फ मानदेय ही नहीं बढ़ा है, इन सलाहकारों की काम की अवधि भी एक घंटा बढ़ा दी गई है। पहले ये 6 घंटे काम करते थे, अब उन्हें 7 घंटे तक अपनी सेवाएं देनी होंगी। इस बढ़ोतरी को लागू करने के लिए सरकार ने 67.87 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट पास किया है।
राशन डीलरों की आय में भी हुआ इज़ाफा
बिहार के जन वितरण प्रणाली में काम कर रहे राशन डीलरों के लिए भी खुशखबरी आई है।
अब तक डीलरों को खाद्यान्न वितरण पर प्रति क्विंटल 211.40 रुपये का कमीशन मिलता था, जो अब 258.40 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
इसमें राज्य सरकार की ओर से मिलने वाला हिस्सा, जो पहले 90 रुपये प्रति क्विंटल था, उसे बढ़ाकर 137 रुपये कर दिया गया है। यह फैसला राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किया गया है और इसका असर राज्यभर के हजारों डीलरों पर पड़ेगा।
क्या है इसका राजनीतिक संकेत?
नीतीश सरकार के इन फैसलों को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है। चुनावी वर्ष में इन दोनों वर्गों पर सीधा फोकस किया गया है, जो गांव-देहात की जनता से रोजाना जुड़ते हैं।
किसान सलाहकार खेतों में जाकर किसानों को तकनीकी सलाह देते हैं
राशन डीलर हर घर तक सरकारी योजना का अनाज पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाते हैं
इनकी नाराज़गी किसी भी सरकार के लिए सिरदर्द बन सकती है। ऐसे में यह आर्थिक राहत एक रणनीतिक कदम मानी जा रही है।
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