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Up kiran,Digital Desk : सोमवार की सुबह दिल्ली वालों के लिए राहत की सांस लेकर नहीं, बल्कि घने स्मॉग और घुटन भरी हवा लेकर आई. हवा की दिशा बदलते ही पूरी राजधानी धुंध की चादर में लिपट गई, जिससे न सिर्फ सड़कों पर देखना मुश्किल हुआ, बल्कि लोगों की सांसें भी बोझिल हो गईं. दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 314 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है. एनसीआर के बाकी शहरों का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा, जिसमें नोएडा 330 AQI के साथ सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बनकर उभरा.

अस्पतालों में मरीज, पर जागरूकता की कमी

हवा में घुले इस जहर का असर अब लोगों की सेहत पर भी दिखने लगा है. आरएमएल अस्पताल के प्रदूषण क्लिनिक में सांस फूलने और गले में जलन जैसी शिकायतों के साथ मरीज पहुंच तो रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है. डॉक्टरों का मानना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं है कि प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के लिए एक अलग क्लिनिक भी है, और वे सीधे सामान्य ओपीडी में चले जाते हैं.

आखिर इस जहर के लिए जिम्मेदार कौन है?

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस प्रदूषण के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं, लेकिन सोमवार को हवा में जहर घोलने में सबसे बड़ा हाथ गाड़ियों से निकलने वाले धुएं का रहा.

  • गाड़ियों का धुआं: 17.58%
  • आसपास के उद्योग: 8.42%
  • घरों से होने वाला प्रदूषण: 4.29%
  • कंस्ट्रक्शन की धूल: 2.49%

डॉक्टर की सलाह: इन बातों का रखें खास ध्यान

  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें: अपनी गाड़ी निकालने की बजाय मेट्रो या बस से सफर करें, या फिर कारपूलिंग का विकल्प चुनें.
  • मास्क जरूर पहनें: घर से बाहर निकलते समय किसी भी तरह का मास्क जरूर लगाएं, यह आपको काफी हद तक बचा सकता है.
  • घर से कम निकलें: जब तक बहुत जरूरी न हो, घर के अंदर ही रहने की कोशिश करें.
  • मॉर्निंग/इवनिंग वॉक से बचें: सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है, इसलिए इस समय सैर पर जाने से बचें.
  • कहीं भी कूड़ा न जलाएं और अगर आसपास कोई कंस्ट्रक्शन चल रहा है, तो वहां धूल-मिट्टी को ढककर रखने को कहें.

आने वाले दिनों में भी राहत की उम्मीद कम

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का पूर्वानुमान है कि अगले कुछ दिनों, यानी बृहस्पतिवार तक भी हवा 'बेहद खराब' श्रेणी में ही बनी रहेगी. इसका मतलब है कि सांस के मरीजों और बुजुर्गों की मुश्किलें कम नहीं होंगी. साथ ही, लोगों को आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.