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Up Kiran, Digital Desk: भारत के कई हिस्सों में हाल ही में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से व्यापक तबाही हुई है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर, गुजरात, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा कर स्थिति का आकलन करेंगे और राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे। इस लेख में हम इन राज्यों में हुई आपदा की गंभीरता, राहत प्रयास और आगे की योजना पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक नुकसान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश इस वर्ष सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। 20 जून से अब तक यहाँ 355 से अधिक मौतें हुई हैं। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएँ बढ़ गई हैं, जिससे कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और बुनियादी ढांचा बर्बाद हो गया है। इस वजह से हिमाचल प्रदेश को पिछले वर्षों में अपने सबसे विनाशकारी मानसून का सामना करना पड़ रहा है।
भूस्खलन और बुनियादी ढांचे की हानि
भूस्खलन के कारण न केवल लोगों की जान गई है बल्कि सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी नुकसान की जद में आई हैं। इससे राहत और बचाव कार्यों में काफी चुनौतियाँ आ रही हैं।
पंजाब में बाढ़ के कारण हाई अलर्ट
पंजाब में व्यास, सतलुज, रावी और घग्गर नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे बाढ़ का संकट गंभीर हो गया है। प्रमुख बांधों से नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण लगभग 1,650 गाँव जलमग्न हो गए हैं और 1.75 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है। धान की फसलें बाढ़ में नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
प्रभावित जिले और राहत कार्य
गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर और फाज़िल्का सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं। पंजाब सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है। सेना, वायुसेना, बीएसएफ और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।
गुजरात और राजस्थान में आपदा की स्थिति
गुजरात में मूसलाधार बारिश
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गुजरात के मध्य जिलों पंचमहल, दाहोद और महिसागर में रेड अलर्ट जारी किया है। कडाना बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण वडोदरा में जलभराव हुआ है, बिजली आपूर्ति बाधित हुई है और कई सार्वजनिक आयोजन प्रभावित हुए हैं।
राजस्थान में बाढ़ और कृषि नुकसान
राजस्थान में ऑरेंज अलर्ट जारी है, जहाँ अजमेर के बोराज बांध की दीवार टूटने से बाढ़ की गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है। जयपुर सहित 35 से अधिक जिलों में बाढ़ का प्रभाव देखा जा रहा है। 193 लोगों की मौत हो चुकी है और सवाई माधोपुर में लगभग 40% अमरूद के बाग नष्ट हो गए हैं। बीकानेर और हनुमानगढ़ में भी व्यापक नुकसान हुआ है।
जम्मू-कश्मीर में राहत अभियान और भविष्य की तैयारी
जम्मू-कश्मीर में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए गृह मंत्रालय की एक उन्नत सर्वेक्षण टीम सक्रिय हो गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को आपदा प्रबंधन में डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग बढ़ाने तथा पूर्व चेतावनी प्रणालियों को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
प्रभावित इलाकों का दौरा
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगू चक गाँव में प्रभावित लोगों से मुलाकात की, तवी पुल सहित क्षतिग्रस्त बुनियादी ढाँचे का निरीक्षण किया और राहत कार्यों की उच्च-स्तरीय समीक्षा की।
बड़े पैमाने पर राहत और बचाव प्रयास
उत्तर भारत के बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 17 टीमें, सेना की 23 टुकड़ियां और वायुसेना के हेलीकॉप्टर बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में बारिश में कमी आने की संभावना है, जो राहत की उम्मीद जगाती है।
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