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Up Kiran, Digital Desk: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दक्षिण कोरिया (South Korea) और संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) के शीर्ष राजनयिकों ने वाशिंगटन में अपनी वार्ता के दौरान उत्तर कोरिया (North Korea) के 'पूर्ण' परमाणु निरस्त्रीकरण (Complete Denuclearization) और उसके खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों (Sanctions) के "पूर्ण" कार्यान्वयन के प्रति अपनी "अटूट" प्रतिबद्धता को दोहराया. यह जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग (State Department) के एक प्रवक्ता ने दी. उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए रूस के खिलाफ चिंता व्यक्त की गई है, जिससे वैश्विक भू-राजनीति में तनाव बढ़ रहा है

पिछले महीने ली जे मायंग (Lee Jae Myung) प्रशासन के शुरू होने के बाद से विदेश मंत्री चो ह्यून (Cho Hyun) और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) के बीच यह पहली वार्ता थी. सोल और वाशिंगटन कई सहयोग मुद्दों का सामना कर रहे हैं, जिसमें ली और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच आगामी शिखर सम्मेलन की तैयारी भी शामिल है.

यह बैठक ट्रंप द्वारा कोरिया के साथ एक व्यापार समझौते (Trade Deal) की घोषणा के ठीक एक दिन बाद हुई, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति ली के साथ उनका शिखर सम्मेलन दो सप्ताह में व्हाइट हाउस में होगा. यह शिखर सम्मेलन अमेरिका-दक्षिण कोरिया संबंधों (US-South Korea Relations) में एक नए चरण की शुरुआत का प्रतीक है.

प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने एक बयान में कहा, “सचिव रुबियो और विदेश मंत्री चो ने डीपीआरके (उत्तरी कोरिया का आधिकारिक नाम, डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के पूर्ण कार्यान्वयन के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की, और रूस के साथ उत्तर कोरिया के बढ़ते सैन्य सहयोग (Increasing Military Cooperation with Russia) के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की.”

उत्तर कोरिया के परमाणु खतरों के खिलाफ प्रमुख राजनयिकों की यह एकजुटता ऐसे समय में आई है, जब उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन (Kim Jong-un) की प्रभावशाली बहन किम यो-जोंग (Kim Yo-jong) ने उत्तर कोरिया के निरस्त्रीकरण पर बातचीत की संभावना को खारिज कर दिया था उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप और किम के बीच व्यक्तिगत संबंध “खराब नहीं हैं.”

चीन को काउंटर करने की नई रणनीति: इंडो-पैसिफिक में दिखेगी 'ताकत' की चमक!

वार्ता में, ब्रूस के अनुसार, चो और रुबियो ने द्विपक्षीय गठबंधन (Bilateral Alliance) की "अटूट" शक्ति को रेखांकित किया, जिसने 70 से अधिक वर्षों से "कोरियाई प्रायद्वीप (Korean Peninsula) और इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) में शांति, सुरक्षा और समृद्धि (Peace, Security, and Prosperity) की आधारशिला (Linchpin)" के रूप में काम किया है

प्रवक्ता ने कहा, "उन्होंने अपनी मजबूत संयुक्त रक्षा मुद्रा (Robust Combined Defense Posture) और आरओके (दक्षिण कोरिया का आधिकारिक नाम, रिपब्लिक ऑफ कोरिया) को विस्तारित प्रतिरोध (Extended Deterrence) के निरंतर प्रावधान के माध्यम से अमेरिकी-आरओके गठबंधन को मजबूत करने के अपने पारस्परिक लक्ष्य के लिए निरंतर समर्थन व्यक्त किया." विस्तारित प्रतिरोध से तात्पर्य अपने सहयोगी की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों (Nuclear Arms) सहित अपनी सैन्य क्षमताओं की पूरी श्रृंखला का उपयोग करने के अमेरिकी प्रतिबद्धता से है. यह संकेत देता है कि अमेरिका अपने सहयोगियों को सुरक्षा गारंटी प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है, विशेष रूप से बढ़ते सैन्य खतरों (Military Threats) के संदर्भ में

करोड़ों डॉलर का व्यापार समझौता: साउथ कोरिया देगा अमेरिका को ₹350 बिलियन का निवेश!

योनहाप समाचार एजेंसी (Yonhap news agency) ने बताया कि प्रमुख राजनयिकों ने बुधवार के व्यापार समझौते (Trade Deal) और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति की वाशिंगटन की आगामी यात्रा का स्वागत किया. यह व्यापार समझौता गुरुवार को हुआ, जिसके तहत दक्षिण कोरिया अमेरिका में 350 बिलियन डॉलर का निवेश करने (Investing US$350 billion in the US) के लिए प्रतिबद्ध है. इसके बदले में, प्रारंभिक प्रस्तावित 25 प्रतिशत से टैरिफ दर को घटाकर 15 प्रतिशत (Tariff Rate to 15 Percent from 25 Percent) कर दिया गया है

सोल के विदेश मंत्रालय ने एक अलग विज्ञप्ति में कहा, "मंत्री और सचिव ने विशेष रूप से जहाज निर्माण (Shipbuilding) में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर समझ साझा की और सहयोग को साकार करने के लिए पैन-सरकारी ढांचे को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की."

मंत्रालय ने यह भी कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय गठबंधन (Bilateral Alliance) को "आधुनिकीकरण" (Modernise) करने के लिए काम करेंगे ताकि इसके "रणनीतिक महत्व (Strategic Importance)" को बढ़ाया जा सके. "गठबंधन का आधुनिकीकरण" एक ऐसा शब्द है जिसे सोल और वाशिंगटन द्वारा तेजी से उद्धृत किया जा रहा है, और इसे बड़े पैमाने पर चीन (Counter China) का मुकाबला करने के लिए अमेरिका द्वारा अपने सहयोगियों को रक्षा भार (Defence Burden) का अधिक हिस्सा उठाने और उसकी रणनीति का समर्थन करने का आह्वान माना जा रहा है

चो ने आशा व्यक्त की कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI), परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy) और क्वांटम प्रौद्योगिकी (Quantum Technology) जैसे उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्र (Advanced Technology Sector) भविष्य में गठबंधन सहयोग का एक और महत्वपूर्ण स्तंभ (Key Pillar of Alliance Cooperation) बनेंगे. यह दर्शाता है कि भविष्य का सहयोग केवल सैन्य तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि तकनीकी विकास (Technological Development) और रणनीतिक भागीदारी (Strategic Partnership) को भी शामिल करेगा.

दक्षिण कोरिया द्वारा इस साल के एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (Asia-Pacific Economic Cooperation - APEC) शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप को दिए गए निमंत्रण (Invitation to Trump) को याद करते हुए, चो ने बैठक की सफल मेजबानी के लिए अमेरिकी समर्थन का भी अनुरोध किया. यह बैठक क्षेत्र में आर्थिक सहयोग और स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी

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