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Up Kiran, Digital Desk: देश की सरकारी कंपनी बीईएमएल (BEML) ने एक बड़ी घोषणा की है. अब भारत में ही सुरंग खोदने वाली विशालकाय मशीनें, यानी टनल बोरिंग मशीन (TBM), बनाई जाएंगी. इस कदम से देश की चीन जैसे देशों पर निर्भरता काफ़ी हद तक कम हो जाएगी, जो अब तक इन मशीनों के मुख्य सप्लायर रहे हैं.

क्या है यह मशीन और क्यों है इतनी ज़रूरी?

टनल बोरिंग मशीन (TBM) एक बहुत बड़ी मशीन होती है जिसका इस्तेमाल मेट्रो, सड़क या किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए सुरंग खोदने में किया जाता है. यह मशीन ज़मीन के नीचे बिना ज़्यादा तोड़-फोड़ किए गोल सुरंग बनाती चलती है. अभी तक भारत अपनी ज़रूरत के लिए ज़्यादातर मशीनें चीन से खरीदता था या फिर पश्चिमी देशों की बनी मशीनें इस्तेमाल करता था, जो चीन में ही बनती थीं. मुंबई मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट में भी लगभग आधी मशीनें चीनी कंपनियों की थीं.

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम

बीईएमएल देश की पहली कंपनी होगी जो इन मशीनों का निर्माण करेगी.इसके लिए कंपनी ने फ्रांस की NFM टेक्नोलॉजी के साथ एक समझौता भी किया है. इन मशीनों का उत्पादन कर्नाटक के कोलार गोल्ड फील्ड्स प्लांट में किया जाएगा.

यह फ़ैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में चीन ने भारत को इन मशीनों की सप्लाई में रुकावट डालने की कोशिश की थी.सरकार ने भी स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2021 में इन मशीनों के आयात पर 7% कस्टम ड्यूटी लगा दी थी.अब बीईएमएल के इस कदम से न केवल देश का पैसा बचेगा, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी.