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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से होने वाले निर्यात पर लगाए गए भारी टैरिफ ने देश के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। खासकर बिहार जैसे कृषि-प्रधान राज्यों में जहां किसान और ग्रामीण वोटर राजनीति की दिशा तय करते हैं मोदी सरकार ने इस मुद्दे को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश तेज कर दी है।

पिछले कुछ दिनों में जब ट्रंप ने भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ किसानों के हित की बात कही बल्कि यह संदेश भी दिया कि वह इस मुद्दे पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह राजनीतिक रणनीति भाजपा के लिए खास मायने रखती है जहां कृषि से जुड़े वोटर बहुत बड़ी संख्या में हैं।

किसान वर्ग में बढ़ा मोदी का जनाधार

किसानों के प्रति सरकार का रुख और अमेरिकी दबाव के विरुद्ध मोदी की सख्त नीति ने ग्रामीण इलाकों में उनका जनाधार मजबूत किया है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रमुख किसान संगठनों की मुलाकात और उनका सरकार को समर्थन देना इसी का प्रमाण है। एक तरफ जहां विपक्ष अमेरिकी टैरिफ को लेकर सरकार की आलोचना कर रहा है वहीं कई किसान समूह मोदी सरकार के कदमों को देश के हित में बता रहे हैं।

ग्लोबलडेटा की अर्थशास्त्री शुमिता देवेश्वर के अनुसार “भारत ने अब अमेरिका के दबाव के आगे झुकने का लहजा छोड़ दिया है। किसानों की भावनाएं इस मामले में बहुत महत्वपूर्ण हैं और सरकार भी इसे समझ रही है।” यही वजह है कि अमेरिका को कृषि व डेयरी बाजार में अधिक रियायतें देने की बात फिलहाल केंद्र सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।

अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है प्रभाव

हालांकि इस टैरिफ का असर भारत की आर्थिक वृद्धि दर पर भी पड़ेगा। सिटीग्रुप इंक की रिपोर्ट के मुताबिक 50 प्रतिशत टैरिफ की वजह से भारत की सालाना आर्थिक वृद्धि में करीब 0.8 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नीलांजन सिरकार ने इसे ‘दबंगईपूर्ण रुख’ बताया और कहा कि जनता इस स्थिति में अपने नेताओं के साथ खड़ी दिखेगी लेकिन अगर आर्थिक नुकसान गहरा होगा तो राजनीतिक समर्थन टिकना मुश्किल होगा।

राजनीतिक समीकरण और चुनावी महत्ता

बिहार में भाजपा की चुनौतियां बढ़ गई हैं क्योंकि यहां के चुनावी नतीजे मुख्य रूप से ग्रामीण और किसान वोटों पर निर्भर करते हैं। सी-वोटर के सर्वे में यह साफ देखा गया है कि मोदी की लोकप्रियता पिछले कुछ महीनों में स्थिर है और ट्रंप-भारत के विवाद ने मोदी को राजनीतिक फायदा पहुंचाया है। भाजपा की ओर से भी यह प्रयास किया जा रहा है कि किसानों को यह भरोसा दिया जाए कि उनकी आर्थिक सुरक्षा सर्वोपरि है।

इसके विपरीत कांग्रेस समेत विपक्षी दल इस मुद्दे को मोदी सरकार की कमजोरी और अमेरिका के साथ शुरुआती निकटता के रूप में पेश कर रहे हैं। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी की नीतियों पर सवाल उठाए हैं कि क्या किसानों को इस टैरिफ के प्रभाव से बचाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं या नहीं।

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