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Up Kiran Digital Desk: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारत ने एक कड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह के व्यापारिक संबंध तोड़ दिए हैं। यह प्रतिबंध प्रत्यक्ष आयात के साथ-साथ तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले "अप्रत्यक्ष" व्यापार पर भी लागू होगा।
हाल ही में जारी एक अधिसूचना में पड़ोसी मुल्क से डाक सेवाओं और पार्सल डिलीवरी पर भी रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही, यह स्पष्ट कर दिया गया है कि मध्यस्थ देशों के जरिए होने वाले किसी भी तरह के अप्रत्यक्ष व्यापार को अब अनुमति नहीं दी जाएगी।
अधिसूचना में साफ तौर पर कहा गया है, "पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हों या अन्यथा अनुमत हों, तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा।"
आपको याद दिला दें कि पहलगाम में आतंकियों ने एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल - बैसरन मैदान पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई थी। इस कायराना हरकत के बाद पूरे देश में गुस्से और शोक की लहर दौड़ गई थी।
हालांकि, व्यापार प्रतिबंध के बावजूद, यह खबर सामने आ रही है कि कुछ पाकिस्तानी सामान अभी भी तीसरे देशों के रास्ते भारत में आ रहा है। एक राष्ट्रीय दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 500 मिलियन डॉलर मूल्य के सूखे मेवे और रसायन जैसे उत्पाद कथित तौर पर मध्यस्थ देशों का सहारा लेकर भारत में पहुंच रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए एक अधिकारी ने बताया कि इन निर्यातों का एक बड़ा हिस्सा, जिसे पहले सीधे पाकिस्तान से भेजा जाता था, अब दूसरे देशों के माध्यम से भेजा जा रहा है।
दरअसल, यह कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान पहले भी तीसरे देशों के माध्यम से वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करता रहा है। 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद जब भारत ने पाकिस्तानी सामान पर 200% का भारी आयात शुल्क लगाया था, तब भी ऐसा देखने को मिला था। लेकिन पहलगाम हमले के बाद यह प्रवृत्ति और तेज हो गई है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और श्रीलंका जैसे देशों का इस्तेमाल इस व्यापार के लिए ज्यादा हो रहा है, मुमकिन है कि क्षेत्रीय व्यापार समझौतों का फायदा उठाया जा रहा हो।
रिपोर्ट्स की मानें तो फल, सूखे खजूर, चमड़ा और वस्त्र जैसे पाकिस्तानी उत्पाद यूएई में दोबारा पैक किए जाते हैं। वहीं, रसायन और कुछ खास तरह के सामान सिंगापुर के जरिए भेजे जाते हैं। इसके अलावा, सीमेंट, सोडा ऐश और कपड़ा बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल इंडोनेशिया के रास्ते भारत में आ रहा है। दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) के तहत मिलने वाले फायदों का इस्तेमाल करते हुए श्रीलंका भी सूखे मेवे, नमक और चमड़े के उत्पादों को संसाधित करके भेजने का एक जरिया बन गया है।
यह देखते हुए कि 500 मिलियन डॉलर के पाकिस्तानी निर्यात का एक बड़ा हिस्सा अब भी अप्रत्यक्ष रास्तों से भारत में आ सकता है, एक सरकारी अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया है कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के आयातों को कवर करने वाला एक व्यापक प्रतिबंध लगाना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही, भारत में आने वाले सामानों पर उनके मूल देश के बारे में दी गई गलत जानकारी पर भी कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है।
अधिकारी ने कहा, "अप्रत्यक्ष निर्यात पर प्रतिबंध सहित भारत द्वारा लगाया गया यह व्यापक प्रतिबंध सीमा शुल्क अधिकारियों को पाकिस्तान के निर्यात को भारत में प्रवेश करने से प्रभावी ढंग से रोकने में सक्षम बनाएगा।"
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