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Up Kiran, Digital Desk: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत के लिए वक्त निकालना किसी लग्ज़री से कम नहीं लगता। सुबह की अलार्म से लेकर रात के थके हुए सन्नाटे तक हर इंसान किसी अनदेखी दौड़ में उलझा है। ऐसे में हेल्थ चेकअप करवाना तो जैसे टालने लायक एक और ‘टास्क’ बन गया है। ख़ासकर जब बात ब्लड टेस्ट की हो तो सुई की चुभन का ख्याल ही दिल की धड़कनों को बढ़ा देता है। कुछ लोग डर से घबरा जाते हैं तो कुछ लोग झंझट से बचने के लिए टाल देते हैं।

लेकिन अब एक नई सुबह दस्तक दे रही है जहां खून लेने की सुई नहीं सिर्फ आपके चेहरे की एक नज़र काफी होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अब ब्लड टेस्ट जैसी जटिल प्रक्रिया भी बेहद आसान और पीड़ारहित हो गई है। बिना ब्लेड बिना इंजेक्शन केवल एक साधारण कैमरा आपकी सेहत की पूरी कहानी बयां कर देगा।

चेहरे की हल्की झुर्रियों रौशनी में दिखते माइक्रो वेन्स और त्वचा के रंग में बसी जानकारियों को पढ़कर यह तकनीक 20 सेकंड में आपका हेल्थ स्टेटस बता सकती है। अब चेहरा ही स्वास्थ्य की किताब बन गया है जिसे AI बारीकी से पढ़ना जानता है।

सिर्फ कैमरे से हेल्थ चेकअप – विज्ञान की दुनिया में क्रांति

'Quick Vitals' नाम का यह AI-बेस्ड ऐप न सिर्फ तकनीकी उपलब्धि है बल्कि ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की एक नई उम्मीद भी है। इसे 2024 में लॉन्च किया गया और सबसे पहले हैदराबाद के ‘निलोफ़र’ अस्पताल में गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी यानी एनीमिया की जांच के लिए इस्तेमाल किया गया। जब पहली बार एक महिला ने बिना किसी सुई के स्क्रीन पर अपनी रिपोर्ट देखी तो उसकी आँखों में झलकती राहत और चेहरे पर उभरी मुस्कान ने इस तकनीक की सफलता को बयां कर दिया।

ऐसे काम करता है ये यंत्र

इस टूल की तकनीक ‘Photoplethysmography (PPG)’ कहलाती है जो विज्ञान और संवेदनाओं का अद्भुत संगम है। जब आप अच्छे प्रकाश में अपने चेहरे को कैमरे के सामने रखते हैं तो वह सिर्फ तस्वीर नहीं लेता वह आपकी त्वचा से रिफ्लेक्ट हुई रोशनी में दिल की धड़कनों की लय सांसों की गहराई और रक्त प्रवाह के संकेत पढ़ लेता है। फिर एक एल्गोरिदम उस संगीत को सुनता है जो आपकी त्वचा और धमनियों में बज रहा होता है और उसे एक विस्तृत स्वास्थ्य रिपोर्ट में बदल देता है।

20 सेकंड में शरीर की बारीक जांच – तकनीक की उड़ान

सिर्फ 20 सेकंड और आपको मिलती है शरीर के कई अहम संकेतकों की रिपोर्ट। जैसे- ब्लड प्रेशर की चाल, हीमोग्लोबिन का स्तर,दिल की धड़कनों की गूंज (हार्ट रेट), फेफड़ों की गहराई (SpO2), सांस लेने की रफ्तार, तनाव का स्तर, कोलेस्ट्रॉल और यहां तक कि हार्ट रेट वायाबिलिटी (HRV) और नर्वस सिस्टम की सक्रियता भी। ये सब कैमरे की एक नज़र और AI की गणना से संभव होता है जहां विज्ञान संवेदना और समय की बचत साथ मिलते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों के लिए किसी वरदान से कम नहीं

जहां ज़िंदगी अब भी मिट्टी की गंध से बंधी है बिजली कभी-कभी आती है और क्लिनिक मीलों दूर हैं वहां यह तकनीक किसी वरदान से कम नहीं। झोपड़ी में बैठी एक मां जो अपने बच्चों को लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक चलकर नहीं जा सकती अब एक मोबाइल कैमरे की मदद से अपनी सेहत की जानकारी पा सकेगी।

डेवलपर्स अब इसे महाराष्ट्र के सुदूर इलाकों के बाद आदिवासी क्षेत्रों में लागू करने की योजना बना रहे हैं। कल्पना कीजिए कि कैसे यह ऐप RBSK RKSK जैसे सरकारी कार्यक्रमों से जुड़कर गांव की बेटियों और नवजात बच्चों की ज़िंदगी को बेहतर बना सकता है।

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